महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार को रात्रि औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान दो गुटो के बीच विवाद के बाद तनाव काफी बढ़ गया। इसके बाद तोड़फोड़ की गई और कई वाहनों के आग के हवाले कर दिया गया। जिन वाहनों को आग के हवाले किया गया, उनमें विस्फोटों की आवाज भी सुनी गई। फायर ब्रिगेड के एक अधिकारी ने बताया कि दो जेसीबी को आग के हवाले कर दिया गया और एक फायरमैन घायल हो गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ असामाजिक तत्वों ने पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए सड़कों पर वाहनों में तोड़फोड़ की। सड़क पर ई-रिक्शा और ऑटो को पीछे करके सड़क जाम करने की भी कोशिश की गई। सड़क पर खड़े दोपहिया वाहनों में भी तोड़फोड़ की गई। ई-रिक्शा को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी तैनात कर दी गई है और पुलिस कमिश्नर और जॉइंट कमिश्नर समेत सभी अधिकारी पहुंच गए हैं और स्थिति पर काबू पाने की कोशिश में लग गए है
DCP नागपुर अर्चित चांडक ने कहा, ‘यह घटना कुछ गलतफहमी के कारण हुई। स्थिति अभी नियंत्रण में है। यहां हमारा बल मजबूत है। मैं सभी से अपील करता हूं कि वे बाहर न निकलें या पथराव न करें। पथराव हो रहा था, इसलिए हमने बल का प्रदर्शन किया और आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया। कुछ वाहनों में आग लगा दी गई, हमने फायर ब्रिगेड को बुलाकर आग बुझाई। कुछ पुलिस कर्मी घायल हुए, पथराव के दौरान मेरे पैर में भी हल्की चोट आई। लेकिन हम सभी से शांति बनाए रखने का आग्रह करते हैं। अफवाहों पर भरोसा न करें। कानून व्यवस्था को भंग न करें और पुलिस का सहयोग करें। हम कानूनी कार्रवाई कर रहे हैं।’
महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार को तनाव बढ़ गया. बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (VHP) के सदस्यों ने छत्रपति संभाजीनगर में मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र को गिराने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया. हंगामा तब और बढ़ गया जब दो विरोधी समूह आमने-सामने आ गए, जिससे पत्थरबाजी की घटनाएं हुईं. व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस की भारी तैनाती करनी पड़ी. वीएचपी और बजरंग दल ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर अपनी आवाज बुलंद की है. उनका कहना है कि यह कब्र सदियों के उत्पीड़न और अत्याचारों का प्रतीक है, जो उनके शासनकाल के दौरान हुए थे.
उनका तर्क है कि कब्र का अस्तित्व एक अत्याचारी को महिमामंडित करता है. जिसने हिंदुओं का उत्पीड़न किया और मंदिरों को नष्ट किया. वीएचपी के क्षेत्रीय प्रमुख किशोर चव्हाण ने कहा कि ‘औरंगजेब की क्रूरता अच्छी तरह से दर्ज है. उसने अपने पिता को कैद किया, अपने भाइयों को मार डाला और हिंदू मंदिरों को नष्ट करने का आदेश दिया. उसकी कब्र का अस्तित्व केवल उसके अत्याचारों को महिमामंडित करता है, और महाराष्ट्र सरकार को इसे तुरंत हटाना चाहिए.’ नागपुर प्रदर्शन से पहले के दिनों में, इन संगठनों ने सरकार पर कार्रवाई करने का दबाव बनाने के लिए राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की थी. उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर सरकार ने कार्रवाई नहीं की, तो वे 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस की तरह ‘कारसेवा’ करेंगे.
नागपुर की घटना
नागपुर में विरोध प्रदर्शन बजरंग दल और VHP द्वारा आयोजित एक रैली के रूप में शुरू हुआ. जिसका मकसद औरंगजेब की कब्र को गिराने की मांग करते हुए जिला अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपना था. जैसे ही रैली जिला कलेक्टर के कार्यालय की ओर बढ़ी, विरोधी समूहों ने विरोध प्रदर्शन किया, जिससे दोनों गुटों के बीच टकराव हो गया. स्थिति तेजी से बिगड़ गई, दोनों पक्षों ने भारी पत्थरबाजी की. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि झड़पों से आसपास के वाहनों और दुकानों को नुकसान पहुंचा, जिससे स्थानीय निवासियों में दहशत फैल गई.