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नाम और श्रेय से कोसों दूर रहकर डॉ कमल किशोर जी का समाजसेवा ही एकमात्र लक्ष्य था

लक्ष्मीगंज चौराहा का डा. कमल किशोर नामकरण हुआ

ग्वालियर/ लक्ष्मीगंज चौराहे का नामकरण मंगलवार को विधिवत रूप से डा कमल किशोर जी के नाम पर हो गया। वैसे लंबे समय तक इस चौराहे को डा कमल किशोर के नाम से ही जाना जाता था। नामकरण समारोह की अध्यक्षता पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने की और मुख्य अतिथि आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डा अशोक कुमार वार्ष्णेय थे। विशिष्ठ अतिथि के रूप में पूर्व सांसद विवेक नारायण शेजवलकर मौजूद थे। इस अवसर पर पूर्व राज्यपाल ने डा कमल किशोर के सेवाभावी कार्यों का स्मरण करते हुए कहा कि उनके जीवन का एक लक्ष्य था, लोगों की सेवा करना। उनकी क्लीनिक से कभी कोई बगैर इलाज के नहीं लौटा। नाम और श्रेय लेने से कोसो दूर रहते थे।
आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव एवं वरिष्ठ प्रचारक डॉ. अशोक कुमार वार्ष्णेय ने कहा कि डा कमल किशोर देश के विभाजन के समय पाक से यहां आये थे। तब वे विद्यार्थी थे, उन्होंने उस पीड़ा को सहते हुए अपनी आगे शिक्षा भारत में आकर पूरी की। मेडिकल की शिक्षा यही ग्रहण की। उन्होंने भारत में आकर शिक्षा के साथ उन्होंने संघ कार्य भी किया। उन्होंने कहा कि डा कमल किशोर जी कार्य का विस्तार करने के लिए ही अवतरित हुए थे। यह उनकी समाजसेवा और समाज के चिंतन से स्पष्ट प्रदर्शित होता है।
पूर्व सांसद श्री विवेक नारायण शेजवलकर ने कहा कि संघ का स्वयंसेवक होने के नाते डा साहब से अक्सर भेंट हुआ करती थी। उन्होंने कहा कि संघ से जुड़े होने के कारण आपतकाल में डाक्टर साहब को भी जेल में डाल दिया गया था, लेकिन उनके अस्पताल पर इलाज के लिए आने वाले हजारों मरीजों की संख्या को देखते हुए उन्हें दूसरे दिन ही जेल से रिहा करने के लिए सरकार को मजबूर होना पड़ा।
*ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या आते थे मरीज*
डॉ. कमल किशोर जी का नाम ग्वालियर चंबल के एक-एक गांव में बड़े श्रद्धा और अदब के साथ लिया जाता है। जानकारी के मुताबिक जब वे जीवित थे तब छोटी लाइन रेल श्योपुर से घोसीपुरा रेलवे स्टेशन पर उतरने वाले बड़ी संख्या में तांगा में बैठकर डा. कमल किशोर के अस्पताल में आया करते थे। डाक्टर साहब के यहां पर इलाज के लिए आने वाले मरीजों को रूकने की पूरी व्यवस्था भी निःशुल्क मिलती थी। ऐसे गरीब मरीज प्रतिदिन बड़ी संख्या में आते थे जिनके पास फीस चुकाने के पैसे नही होते थे लेकिन वे ऐसे सभी मरीजों को निःशुल्क इलाज किया करते थे।
अतिथि परिचय डॉ अंजलि रायजादा ने कराया। सभी अतिथियों स्वागत का रौली टीका एवं अंग वस्त्र से किया गया। डॉ. मधु गजवानी जी ने स्व.डॉ. कमल किशोर जी का जीवन परिचय दिया। कार्यक्रम के समापन पर सभी ने डॉ साहब के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम के आयोजनकर्ता डॉ. राजेश गजवानी, डॉ. मधु गजवानी, आरोग्य भारती के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. एस.पी. बत्रा, जवाहर प्रजापति, रविन्द्र सिंह राजपूत, राकेश माहौर, राजेश सौलंकी, डॉ. राकेश रायजादा, राजेंद्र सिंह कुशवाह, नारायण सिंह कुशवाह संगम सहित काफी संख्या में ने समाजसेवी एवं नागरिकों से कार्यक्रम में उपस्थित थे।

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