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न तानसेन समारोह की याद न मेले की सुध आखिर कब टूटेगी प्रशासन की कुंभकर्णी तंद्रा

-प्रवीण दुबे-
विधानसभा चुनाव हुए 20 दिन तथा  परिणाम घोषित हुए 5 दिन का समय गुजरने के बावजूद ग्वालियर में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के व्यापार मेला और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के तानसेन समारोह के आयोजनों को लेकर यहां का जिला प्रशासन कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है।
उल्लेखनीय है कि ग्वालियर में प्रतिवर्ष दिसंबर माह में ग्वालियर व्यापार मेले का शुभारंभ और तानसेन समारोह का आयोजन दशकों से होता आ रहा है।
महान संगीतकार तानसेन की स्मृति में सन् 1924 से प्रतिवर्ष दिसंबर  माह में ग्वालियर में तानसेन समारोह आयोजित हो रहा है. आजादी के पहले सिंधिया रियासत इसका आयोजन करती थी, इसमें देश के चोटी के कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर संगीत सम्राट तानसेन को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते रहे. सन 1980 में मध्यप्रदेश शासन ने “तानसेन अलंकरण” की स्थापना की. अभी तक देश के 53 कलाकार “तानसेन संगीत अलंकरण” से सम्मानित किये जा चुके हैं.
यह एक 4 दिवसीय संगीत समारोह अपने आप में असाधारण है। ग्रेट इंडियन म्यूजिकल मेस्ट्रो तानसेन को श्रद्धांजलि देने के लिए दुनिया भर के कलाकार और संगीत प्रेमी यहां इकट्ठा होते हैं।  अब यह कार्यक्रम मध्य प्रदेश सरकार उस्ताद अलाउद्दीन खान कला एवम संगीत अकादमी और संस्कृति विभाग द्वारा संयुक्त रूप से  तानसेन की समाधि पर आयोजित किया जाता है। इस समारोह में  शास्त्रीय संगीत और वाद्य प्रदर्शन देने के लिए पूरी दुनिया के श्रेष्ठतम कलाकारों को आमंत्रित किया जाता है।
 चूंकि इस वर्ष यूनेस्को ने ग्वालियर को सिटी ऑफ म्यूजिक घोषित किया है साथ ही तानसेन समारोह इस वर्ष 99 साल का हो चला है अतः इस दृष्टि से यहां आयोजित होने वाले तानसेन समारोह का महत्व और अधिक बढ़ गया है।
यही वजह है कि इस वर्ष के तानसेन समारोह के आयोजन को और अधिक भव्यता प्रदान करने की जरूरत है।
लेकिन अफसोस की बात है कि प्रदेश के संस्कृति विभाग और जिला प्रशासन ने अभी तक इसको लेकर कोई सक्रियता नहीं दिखाई है।   पहले यह कहा जा रहा था कि चुनाव के बाद जिला प्रशासन इस दिशा में सक्रियता दिखाएगा लेकिन चुनाव को गुजरे 20 दिन हो चुके और अब नवनिर्वाचित सरकार की तस्वीर भी साफ हो गई बावजूद इस दिशा में कोई सक्रियता नहीं दिखाई दे रही है।
इस आयोजन की न तो तारीख घोषित की गई है न प्रतिष्ठित तानसेन अलंकरण की घोषणा हुई है।
कमोबेश यही स्थिति ग्वालियर के प्रतिष्ठित व्यापार मेला की है। सामान्यतः दिसंबर माह में शुरू होने वाले इस मेले के शुरुआत की तारीख तक ग्वालियर प्रशासन ने घोषित नहीं की है। इसको लेकर देशभर से आने वाले व्यापारी परेशान हैं और संपूर्ण मेला परिसर अव्यवस्थाओं का शिकार है।
विधानसभा चुनाव हुए 20 दिन तथा परिणाम घोषित हुए 5 दिन का समय गुजरने के बावजूद ग्वालियर में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के व्यापार मेला और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के तानसेन समारोह के आयोजनों को लेकर यहां का जिला प्रशासन कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है।
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