भोपाल /भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव, सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आज एक प्रेस वक्तव्य में कहा कि पुरानी कहावत है, पूत के पाँव पालने में दिख जाते हैं, 2004 में भाजपा की सरकार ने सत्ता में आते ही प्रदेश के युवाओं के भविष्य की बोली लगाना प्रारंभ कर दी थी जो आज तक भी जारी है। चाहे वो व्यापम घोटाला हो, डीमेट घोटाला हो, शिक्षक भर्ती घोटाला हो, नर्सिंग घोटाला हो या पटवारी भर्ती घोटाला, भाजपा ने प्रदेश के करोड़ों युवाओं के भविष्य को घोटालों की भेंट चढ़ा दिया है।
4 अप्रैल 2023 को ही पकड़ में आ गया था पटवारी भर्ती घोटाला
सुरजेवाला ने कहा कि पटवारी भर्ती घोटाला 4 अप्रैल 2023 को ही पकड़ में आ गया था, मगर उसके बावजूद भी 25 अप्रैल, 2023 तक पटवारी भर्ती परीक्षाएं ली गई और 4 अप्रैल, 2023 को पकड़ाये पटवारी भर्ती घोटाले पर पर्दा डाला गया। उन्होंने कहा 4 अप्रैल को ग्वालियर क्राईम ब्रांच को यह जानकारी प्राप्त हुई थी कि मनीष शर्मा पिता मदन मोहन शर्मा, निवासी थाटीपुर, जिला ग्वालियर तथा वीरभान बंसल पिता महेन्द्र सिंह बंसल निवासी थाटीपुर, जिला ग्वालियर, बंसल ऑफ़सेट, मयूर मार्केट, थाटीपुर पर आधार कार्ड के बायोमेट्रिक डेटा में मोम का इस्तेमाल कर और कम्प्युटर का इस्तेमाल कर व्यापक रूप से पटवारी भर्ती परीक्षा घोटाले को आकार दे रहे हैं। सवाल यह उठता है कि जब 4 अप्रैल 2023 को ही पटवारी भर्ती परीक्षा में व्यापक घोटाले के प्रमाण मिल गए थे, तो भी पटवारी भर्ती परीक्षा जारी रखकर घोटाला होने दिया गया। सुरजेवाला ने सरकार से पाँच सवाल भी किए हैं
1. जब 04 अप्रैल, 2023 को ही पटवारी भर्ती घोटाला सामने आ गया था, तो प्रदेश स्तर पर इसकी व्यापक जाँच क्यों नहीं की गई?
2. क्या पटवारी भर्ती घोटाला सरकार के संरक्षण में किया जा रहा था?
3. 04 अप्रैल के फ़र्ज़ीवाडे को क्यों छिपाया गया? और क्या गुपचुप चालान पेश कर दिया गया?
4. 18 साल से युवाओं के भविष्य को बेचने का यह गोरखधंधा क्यों चलाया जा रहा है?
5. 15 मार्च से 4 अप्रैल 2023 के बीच कितने फर्जी सोल्वर पटवारी भर्ती परीक्षा में
बिठाये गये ? पटवारी भर्ती घोटाले की जाँच का सच अब तक क्यों सामने नहीं आया?