मध्यप्रदेश जनसम्पर्क विभाग द्वारा प्रदेश के पत्रकारों के लिए संचालित पत्रकार स्वास्थ्य बीमा योजना की प्रीमियम राशि में बढ़ोतरी को लेकर तमाम पत्रकार संगठनों में आक्रोश व्याप्त हो गया है इसी के चलते एम पी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन ,मध्यप्रदेश पत्रकार संघ ,वर्किंग जर्नलिस्ट एसोसिएशन आदि ने मुख्यमंत्री से स्वास्थ्य बीमा योजना की राशि में अविलम्ब कमी करने की मांग की है। उधर इसी के चलते मप्र पत्रकार संघ ने सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया है।
बीमा राशि पिछले साल की तरह लेंपत्रकारों की अंशपूर्ति कम करे सरकार
एम-पी-वर्किंग-जर्नलिष्ट यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष राधावल्लभ शारदा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पत्रकार बीमा योजना में पत्रकारों के हिस्से को कम करने की मांग की है तथा पिछले साल की तरह इस साल भी पत्रकारों से प्रीमियम ली जाने की माँग रखी है ।
यूनियन के समस्त पदाधिकारियों का कहना है कि हर वर्ष बीमा कम्पनी प्रीमियम में भी बेतहाशा वृद्धि कर देती है। कोरोनाकाल में आर्थिक बोझ दुष्कर हो रहा है इसलिये जनसम्पर्क विभाग जो कि वर्तमान में मुख्यमंत्री के पास ही है उन्हें तत्काल राहत की घोषणा करना चाहिये। उन्होंने कहा कि विगत वर्ष की भांति ही पत्रकारों से राशि लें और शेष राशि सरकार स्वयं वहन करें ।
एम-पी-वर्किंग-जर्नलिष्ट यूनियन ने उक्ताशय में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और मीडिया टीम से भी हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री को विभाग के अधिकारियों ने बताया होगा कि कोरोना काल में समाचार पत्र मालिकों ने वेतन में कटौती कर दी और स्टाफ भी कम कर दिया। वहीं लगभग सभी समाचार पत्रों का आवागमन के साधन नहीं होने से भारी वित्तीय संकट से जूझ रहा है ।
कोविड ने बिगाड़ी आर्थिक स्थिति, पत्रकारों के बीमा की राशि जमा करे सरकार
मप्र पत्रकार संघ द्वारा मुख्यमंत्री के नाम सोमवार को दिया जाएगा ज्ञापन, बैठक में लिया निर्णय
मध्यप्रदेश के पत्रकार पहले से ही आर्थिक संकट से जूझते चले आ रहे थे। इसी बीच कोविड की पहली और दूसरी लहर ने उन्हें बुरी तरह झकझोर दिया है। कई पत्रकारों को संस्थान से हटा दिया है। ज्यादातर पत्रकारों की आर्थिक स्थिति अधिक चिंताजनक है। स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर पत्रकार और उनके आश्रितों के लिये संचालित मप्र सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना बड़ा सहारा है। लेकिन मप्र सरकार ने इस बार बीमा की राशि इतनी अधिक कर दी है जिसे वहन करना पत्रकारों के लिए संभव नहीं है।
मप्र पत्रकार संघ के संस्थापक महासचिव राजेश शर्मा ने शनिवार को संगठन की जिला इकाई की बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही। गांधी रोड स्थित गेस्ट हाउस में आयोजित बैठक में श्री शर्मा ने कहा कि मानवीय दृष्टि रख सरकार को अपनी ओर से पत्रकार और उनके आश्रितों के हित में अपनी ओर से यह राशि बीमा कंपनी में जमा करना चाहिये। सभी सदस्यों ने इस पर सहमति देते हुए निर्णय लिया कि इस मांग को लेकर संगठन सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम संभागायुक्त को ज्ञापन देगा।
10 साल की पत्रकारिता तो मिले फ्री लांसर अधिमान्यता*
प्रदेशाध्यक्ष सुरेन्द्र माथुर ने कहा कि पत्रकारों को मिलने वाली सम्मान श्रृद्धा निधि की राशि पत्रकार की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी अथवा आश्रित को मिले, हमें सरकार ने यह मांग भी करना चाहिये। संगठन की जिला इकाई के अध्यक्ष हरीश चन्द्रा ने कहा कि पत्रकार यदि एक अथवा अलग-अलग संस्थानों में 10 साल काम कर लेता है तो उसे फ्री लांसर अधिमान्यता के लिए पात्र माना जाना चाहिए। 10 साल के अनुभव की गणना के लिए कोई नीति बनाई जाना चाहिए। इन दोनों प्रस्तावों पर सभी पदाधिकारियों ने सहमति देते हुए कहा कि संगठन के माध्यम से सरकार के समक्ष यह मांग रखनी चाहिये।
बैठक के प्रारंभ में नवनियुक्त पदाधिकारियों का स्वागत किया गया। बैठक में संगठन के टीकमगढ़ जिला इकाई के अध्यक्ष राजीव तिवारी विशेष रूप से मौजूद थे। इसके अलावा ग्वालियर जिला इकाई के वरिष्ठ पत्रकार जोगेन्द्र सेन, जितेन्द्र सिंह, रवि उपाध्याय, दीपक तोमर, फूल सिंह मीणा, रामरूप महाजन, राकेश भारती, राकेश वर्मा, लोकेन्द्र भार्गव, राजेश जायसवाल छोटू, संजय भटनागर, संतोष पाराशर, जयदीप सिकरवार, रघुवीर कुशवाह, शशिभूषण पांडे, मुकेश बाथम, विष्णु अग्रवाल, रोशन जैन, ट्रेनी रिपोर्टर अरविन्द कुशवाह व भानू गोस्वामी मौजूद थे।
पत्रकारों की मांग को लेकर शीघ्र ही मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे वर्किंग जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रांत अध्यक्ष डॉ केशव पांडेय