अफगानिस्तान में पाकिस्तान के हवाई हमलों के बाद दोनों देशों में तनाव चरम पर हैं। इस हमले के बाद अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने पाकिस्तानी दूतावास के प्रभारी को तलब किया है। अफगान के अंतरिम विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार ने खोस्त और पक्तिका प्रांतों में कथित सीमा पार हवाई हमलों पर कड़ा विरोध दर्ज करने के लिए सोमवार को काबुल में पाकिस्तान के प्रभारी को तलब किया है। इन हमलों में कथित तौर पर पाकिस्तानी तालिबान के ठिकानों को निशाना बनाया गया था। तालिबान ने इसके जवाब में डूरंड लाइन से सटे पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर तोप से गोलीबारी भी की है। इससे दोनों देशों में जंग जैसे हालात बन गए हैं। ऐसी रिपोर्ट है कि पाकिस्तानी सेना किसी भी कीमत पर अफगानिस्तान से तालिबान को हटाना चाहती है।
अफगानिस्तान में कब्जे के बाद से तालिबान लगातार दुनियाभर के शक्तिशाली देशों को साधने की कोशिश कर रहा है। लेकिन, पाकिस्तान चाहता है कि वह अब भी उसकी कठपुतली की तरह व्यवहार करे। पाकिस्तान की चाहत तालिबान को भारत के खिलाफ एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की है, लेकिन तालिबान इसके लिए तैयार नहीं है। दूसरी ओर पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों ने कहर बरपाया हुआ है। पाकिस्तान इसका ठीकरा तालिबान के सिर पर फोड़ रहा है। यही कारण है कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के पड़ोसी देश ताजिकिस्तान से हाथ मिलाया है। अफगानिस्तान में तालिबान विरोधी कई गुट आज भी ताजिकिस्तान में शरण लिए हुए हैं। ऐसे में पाकिस्तान इन गुटों और आईएसकेपी के सहयोग से तालिबान के खिलाफ युद्ध की साजिश रच रहा है।