लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों के प्रत्याशियों के नाम फाइनल करने को लेकर होने वाली कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक मधयप्रदेश को छोड़ कुछ अन्य राज्यों पर चर्चा के बाद टल गई है। मध्य प्रदेश को लेकर अब 21 मार्च को बैठक होगी। सूत्रों का कहना है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस के कुछ बड़े नेताओं ने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है साथ ही पार्टी में भाजपा ज्वाइन करने को लेकर मची भगदड़ भी हाईकमान के लिए सिरदर्द बन गई है यही कारण है कि मध्यप्रदेश में प्रत्याशी चयन मंगलवार को टाल दिया गया है।
कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की मंगलवार को हुई बैठक में मध्य प्रदेश की 18 सीटों के प्रत्याशियों के नामों पर मुहर लगने की संभावना जताई जा रही थी। हालांकि, कुछ राज्यों के प्रत्याशियों के नाम पर चर्चा के बाद बैठक टल गई। अब मध्य प्रदेश के प्रत्याशियों के नामों को लेकर 21 मार्च को बैठक होगी। अभी तक कांग्रेस सिर्फ 10 प्रत्याशियों के नाम का ही एलान कर चुकी है। प्रदेश में प्रथम चरण में छह सीटों पर मतदान होना है। इसमें सीधी, मंडला, छिंदवाड़ा, शहडोल, जबलपुर, बालाघाट की सीटें शामिल हैं। इसमें से तीन सीट शहडोल, जबलपुर और बालाघाट पर प्रत्याशियों के नाम का एलान अभी नहीं हुआ है। वहीं, भाजपा ने प्रदेश की सभी 29 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का एलान कर प्रचार भी शुरू कर दिया है।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस टिकट वितरण के साथ ही प्रचार-प्रसार में भी भाजपा से पिछड़ गई है। भाजपा प्रत्याशियों ने अपने अपने क्षेत्र में चुनाव कार्यालय शुरू करने करने के साथ ही प्रचार भी शुरू कर दिया है। दूसरी तरफ छिंदवाड़ा को छोड़ कांग्रेस के नेता मैदान से गायब दिख रहे हैं। प्रदेश के नेता पार्टी में मची भगदड़ को रोकने के लिए बैठक में ही व्यस्त है। वहीं, भाजपा में प्रत्याशियों के लिए वरिष्ठ नेता जनसभा और रोड शो करने मैदान में उतर चुके हैं।
उधर सीईसी की बैठक के बाद कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने कहा, ‘बुधवार को हम अपने उम्मीदवारों की अगली सूची की घोषणा करेंगे.’ वहीं, उम्मीदवारों के लिए किसी मानदंड के बारे में पूछे जाने पर पार्टी नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा, ‘ये पहले जैसा ही है. हम बुधवार को बैठक करेंगे और इसे तय करेंगे.’