पीएम मोदी ने नए साल में पहली बार पॉडकास्ट इंटरव्यू दिया। इस इंटरव्यू में पीएम मोदी ने राजनीति के विभिन्न पहलुओं के बारे में बात की। पीएम मोदी ने राजनीति को लेकर विस्तार से बातचीत की। पीएम मोदी ने कहा, मैंने लालकिले से कहा था कि एक लाख युवा राजनीति में आएं। पीएम मोदी ने राजनीति में मोटी चमड़ी को लेकर कहा कि राजनीति जीवन सरल नहीं होता है। राजनीति में लोग आलोचना करेंगे, इससे घबराने की जरूरत नहीं हैं। आपको संवेदनशील बनना होगा।
खुद को खपा देना ही राजनीति
पीएम मोदी ने कहा कि लेना, पाना और बनना ये मकसद है तो उसकी उम्र लंबी नहीं है। राजनीति में पहली ट्रेनिंग है खुद को खपा देने की। राजनीति में मैं या मेरा नहीं होता है। यहां पर नेशन फर्स्ट होता है। यह बहुत बड़ा फर्क है। उन्होंने कहा कि समाज भी नेशन फर्स्ट वाले व्यक्ति को भी स्वीकार करता है। पीएम मोदी ने कहा कि भाषण कला से अधिक महत्वपूर्ण है संवाद। आप कैसे संवाद करते हैं। पीएम मोदी का उदाहरण दिया।
टीम प्लेयर होना जरूरी है
पीएम मोदी ने कहा कि राजनीतिज्ञ बनना एक हिस्सा है। राजनीति में सफल होना दूसरी चीज हैं। दोनों अलग-अलग चीजें हैं। एक है राजनीति में आना और दूसरा है सफल होना। इसके लिए लगन और समर्पण होना जरूरी है। जनता के सुख-दुख के साथी होने चाहिए। आप वास्तव में टीम प्लेयर होना जरूरी है। पीएम ने कहा कि आप दूसरों पर हुक्म चला कर चुनाव जीत भले ही जाएं लेकिन सफल राजनेता नहीं बन सकते हैं।
राजनीति का मतलब चुनाव नहीं
राजनीति का मतलब चुनाव नहीं है। राजनीति का मतलब हार जीत नहीं है। राजनीति का मतलब लोगों की सेवा है। राजनीति में सब लोगों की जरूरत है। लोगों के जीवन में बदलाव की जरूरत है। यदि आप पॉलिसी मेकर हैं तो आप लोगों के जीवन में बदलाव ला सकते हैं। आप नीतियां बना जा सके हैं। नीतियों को लागू करके स्थितियां बदल सकते हैं। यदि आप सही दिशा में हैं और नेक इरादे से करते हैं तो आपको परिणाम नजर आते हैं।
राजनीति में कैसे होता है बदलाव
पीएम मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का जिक्र किया। पीएम ने कहा कि मैं जब राष्ट्रपति से मिलता हूं तो वो बहुत भावुक हो जाती हैं। राष्ट्रपति ने पीएम मोदी से कहा कि हमें आदिवासियों के लिए करना है। इसमें राष्ट्रपति के आग्रह और सलाह पर पीएम जनमन योजना बनी। इससे कोई जीत हार नहीं है। इस योजना से आदिवासियों के जीवन में बदलाव आया। पीएम मोदी ने कहा कि इससे बदलाव आया। पीएम मोदी ने कहा कि राजनीति में अच्छे और सही समय से निर्णय से बड़ा परिवर्तन आ सकता है।
नाकामयाबी पर क्या बोले पीएम
पीएम मोदी ने नाकामयाबी पर बचपन का एक सैनिक स्कूल का वाकया सुनाया। पीएम मोदी ने कहा कि सैनिक स्कूल के बारे में जानकारी पैसे खर्च कर मंगवाई। पीएम मोदी ने अंग्रेजी भाषा में मिली उस जानकारी को गांव के एक व्यक्ति के पास पहुंचे। उन्होंने स्कूल के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने अपने पिताजी से उसका जिक्र किया। तब से ही पीएम के मन में सैनिक स्कूल बैठ गया। उस समय पीएम मोदी ने खुद को पहली बार नाकामयाब महसूस किया। पीएम मोदी ने रामकृष्ण मिशन से जुड़ने की इच्छा के बारे में भी बताया। पीएम ने कहा कि जीवन में नाकामयाबी आती है। यह जीवन का हिस्सा है।