Homeदेशप्रदूषण पर सख्त हुए सुप्रीमकोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के...

प्रदूषण पर सख्त हुए सुप्रीमकोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के चीफ़ सेक्रेटरी को तलब किया

सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण को ‘जीने के मूलभूत अधिकार का गंभीर उल्लंघन’ बताते हुए सोमवार को कहा कि राज्य सरकारें और स्थानीय निकाय अपनी ‘ड्यूटी निभाने में नाकाम’ रहे हैं.

पराली जलाने और प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के चीफ़ सेक्रेटरी को तलब किया है.

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि अगर दिल्ली एनसीआर में कोई व्यक्ति निर्माण और तोड़ फोड़ पर लगी रोक का उल्लंघन करता पाया जाए तो उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. कूड़ा जलाने पर पांच हज़ार रुपये का जुर्माना होगा.

कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार से कहा है कि वो विशेषज्ञों की मदद से प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए कदम उठाएं. इस की अगली सुनवाई बुधवार 6 अक्टूबर को होगी.

अदालत में मौजूद वरिष्ठ पत्रकार सुचित्र मोहंती के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हर साल दिल्ली का दम घुट रहा है और हम कुछ भी कर पाने में कामयाब नहीं हो रहे हैं.”

सरकार है ज़िम्मेदार’

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली की सरकार से कहा कि वो स्थिति को बदलने के लिए क्या कर रहे हैं, इसकी जानकारी दें.

कोर्ट ने कहा,”स्थिति भयावह है. केंद्र और दिल्ली सरकार के तौर पर आप प्रदूषण को घटाने के लिए क्या करना चाहते हैं? लोग मर रहे हैं और क्या वो ऐसे ही मरते रहेंगे?”

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हमारी नाक के नीचे हर साल ऐसी चीजें हो रही हैं. लोगों को सलाह दी जा रही है कि वो दिल्ली न आएं या दिल्ली छोड़ दें. इसके लिए राज्य सरकार ज़िम्मेदार है. लोग उनके राज्य और पड़ोसी राज्यों में जान गंवा रहे हैं.हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. हम हर चीज का मज़ाक बना रहे हैं.”

सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी अपराजिता सिंह ने कोर्ट से कहा कि दिल्ली में ट्रकों का प्रवेश रोका जाना चाहिए. सिर्फ़ उन्हीं ट्रकों को आने की अनुमति होनी चाहिए जो ज़रूरी रोजमर्रा के सामान लेकर आ रहे हों.

पर्यावरणविद सुनीता नारायण ने कहा कि प्रदूषण का सबसे बड़ा स्रोत पंजाब है. उन्होंने कहा कि इस मामले में कार्रवाई या संदेश साफ़ होना चाहिए.

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments