Homeदेशकांग्रेस में बड़ा फेरबदल प्रियंका और ज्योतिरादित्य बने महासचिव,सम्भालेंगे उत्तरप्रदेश की कमान

कांग्रेस में बड़ा फेरबदल प्रियंका और ज्योतिरादित्य बने महासचिव,सम्भालेंगे उत्तरप्रदेश की कमान

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के पहले बड़ा दांव खेलकर अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा को राजनीति में उतारा. उन्हें पार्टी का महासचिव बनाया गया है. वो अब पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी संभालेंगी. इसके साथ ही राहुल ने अपने सबसे ख़ास ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी पार्टी का महासचिव नियुक्त किया है. प्रियंका की तरह ज्योतिरादित्य पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी संभालेंगे.

बता दें कि पार्टी ने आम चुनाव के मद्देनजर भारी फेरबदल किया है. उत्तर प्रदेश के प्रभारी रहे गुलाम नबी आजाद को हटाकर तत्काल प्रभाव से हरियाणा का जिम्मा सौंपा है.

बता दें कि पार्टी लंबे समय से प्रियंका के सक्रिय राजनीति में आने मांग करती रही है और उनकी पर्सनालिटी को देखते हुए और फैन फॉलोइंग को देखते हुए यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है.

सपा-बसपा गठबंधन से अलग होने के बाद पार्टी लोकसभा चुनाव में इस बार राज्य में अकेले उतर रही है. गौरतलब है की राहुल गांधी ने भी कहा था कि पार्टी उत्तर प्रदेश में सबको चौंका सकती है, लिहाजा हमें कम न आंका जाए. राजस्थान के मुख्यमंत्री बनने के बाद अशोक गहलोत को संगठन का महासचिव बनाया गया है. साथ ही पार्टी ने केसी वेणुगोपाल को संगठन का कर्नाटक का काम दिया है।

मध्यप्रदेश से दूर होते ज्योतिरादित्य

लगातार पांच बार लोकसभा चुनाव में जीत और मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को उभारने के बावजूद ज्योतिरादित्य को पार्टी ने अब जाकर महासचिव बनाया है, लेकिन वो मध्य प्रदेश से उतने ही दूर हो रहे हैं. उन्हें राहुल ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कमान दी है. लेकिन यदि वो लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में रहे तो कांग्रेस के लिए बेहतर हो सकता है. देखा जाए तो ग्वालियर-चंबल, बुंदेलखंड में सिंधिया का दबदबा पहले से अच्छा रहा है. लेकिन समय के साथ युवाओं के बीच उनकी लोकप्रियता बढ़ी है.

इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ज्योतिरादित्य ने मध्य प्रदेश में कमलनाथ और राहुल से कई ज्यादा रैलियां की. उन्होंने 110 चुनावी सभाओं को संबोधित किया साथ ही रोड शो भी किए.

राहुल ने सिंधिया के लिए दिया भविष्य का इशारा…

प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया को महासचिव बनाए जाने के बाद राहुल ने मीडिया से बात करते हुए इस बात पर जोर दिया कि उन्होंने दोनों नेताओं को केवल दो माह के लिए ही उत्तर प्रदेश का प्रभार नहीं दिया है. बल्कि उन्हें यहां कांग्रेस की विचारधारा को स्थापित करना है. यानी कि ज्योतिरादित्य की काबिलियत पर राहुल को पूरा भरोसा है और भविष्य में उन्हें बड़ा पद हासिल हो सकता है.

 

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