इमरती देवी और उनका शासकीय बंगला एक बार फिर चर्चा में है। जिस बंगले को खाली करने लोक निर्माण विभाग ने शनिवार को इमरती देवी को नोटिस दिया था उसे चंद घंटों बाद यह कहकर निरस्त कर दिया कि उन्हें जानकारी का आभाव था। मतलब लोक निर्माण विभाग को ही नहीं पता कि इमरती देवी अभी मंत्री हैं या नहीं। इस घटनाक्रम के बाद नोटिस जारी करने वाले प्रभारी कार्यपालन यंत्री ओमहरि शर्मा को भोपाल कार्यालय अटैच कर दिया गया है।
हाल ही में हुए उपचुनाव में इमरती देवी सुमन डबरा विधानसभा सीट से अपने ही रिश्तेदार सुरेश राजे से चुनाव हारी हैं। वह प्रदेश सरकार में मंत्री रहते हुए चुनाव लड़ी थीं। उनके पास झांसी रोड के मानिक विकास कॉलोनी में 44-ए नंबर का शासकीय बंगला था। इमरती देवी के मंत्री पद और बंगले में रहने पर काफी चर्चा हो रही थी। इसी बीच शनिवार को लोक निर्माण विभाग ने एक नई हलचल पैदा कर दी थी। उन्होंने नोटिस जारी कर इमरती देवी को बंगला खाली करने के लिए कहा था। नोटिस की भाषा यह थी कि यह बंगला मंत्री कार्यकाल की अवधि के लिए आपको दिया गया था। वर्तमान में आपके पास कोई पद नहीं है, इसलिए अब इसे खाली कर लोक निर्माण विभाग को सौंपा जाए।
इमरती देवी ने नोटिस मिलने की बात कुबूल करते हुए यह सवाल खड़ा किया था कि अभी उनका मंत्री पद से इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है तो बंगला खाली करने कैसे नोटिस दिया जा सकता है। नोटिस पर इतनी चर्चा हुई कि चंद घंटों में ही विभाग को अपना निर्णय बदलना पड़ा। लोक निर्माण विभाग से आनन-फानन में शनिवार रात को ही नया पत्र तैयार किया गया जिसे रविवार सुबह जारी कर दिया गया। जिसमें बंगला खाली करने के नोटिस को निरस्त करने की बात थी।