प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के ठाकुरनगर में एक जनसभा को संबोधित किया। इस जनसभा में मोदी के समर्थन में ऐसी भीड़ उमड़ी की विपक्षी दलों के सारे राजनीतिक समीकरण पलट गए। राजनीतिक विश्लेषक इस रिकॉर्ड तोड़ भीड़ को बंगाल में भगवा लहर से जोड़कर परिवर्तन का संकेत मान रहे हैं।
यहां मोदी ने ममता सरकार पर जमकर हमला बोला। भारी भीड़ से गदगद प्रधानमंत्री ने कहा कि भीड़ देखकर समझ आ रहा है कि दीदी हिंसा पर क्यों उतर आई है। हमारे प्रति बंगाल की जनता के प्यार से डरकर लोकतंत्र के बचाव का नाटक करने वालें लोग निर्दोष लोगों की हत्या करने पर तुले हुए हैं। मगर प्रधानमंत्री ने अपना भाषण मात्र 14 मिनट में ही समाप्त कर दिया, वजह बनी ‘भारी भीड़’।
प्रधानमंत्री ने की मंच से अपील
प्रधानमंत्री ने लोगों को धक्का-मुक्की करते देख कहा कि कार्यकर्ताओं के उत्साह से यह जगह कम पड़ गई और मैदान छोटा पड़ गया। इससे लोगों को असुविधा हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को समझाते हुए कहा कि आप जहां हैं, वहां रहें। धक्का-मुक्की होते देख प्रधानमंत्री ने भगदड़ की आशंका को देखते हुए रैली खत्म कर दी।
किसानों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने कहा कि ये देश का दुर्भाग्य रहा कि आजादी के बाद भी अनेक दशकों तक गांव की स्थिति पर उतना ध्यान नहीं दिया गया, जितना देना चाहिए था। यहां पश्चिम बंगाल में तो स्थिति और भी खराब है। इससे पहले प्रधानमंत्री बजट पर भी बोले, उन्होंने कहा कि यह बजट तो एक शुरुआत मात्र है अभी नई सरकार बनने के बाद जब पूर्ण बजट आएगो तो किसानों, युवाओं की तस्वीर साफ हो जाएगा। कल बजट में जो घोषणाएं की गई है उनसे देश के 12 करोड़ से ज्यादा छोटे किसान परिवारों, 30-40 करोड़ श्रमिकों, मजदूर भाई-बहनों और 3 करोड़ से अधिक मध्यम वर्ग के परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा।
पीएम मोदी की रैली में भगदड़ जैसी स्थिति, कई घायल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तरी 24 परगना जिले के ठाकुरनगर में अपनी रैली में भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाने के बाद अपना भाषण बीच में ही बंद कर दिया। ऐसे स्थिति उत्पन्न होने से कई लोग घायल हो गये।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि कई महिलाएं और बच्चे घायल हो गये। दरअसल जब मोदी मटुआ समुदाय की रैली को संबोधित कर रहे थे तब आयोजन स्थल के बाहर खड़े उनके सैकड़ों समर्थकों ने रैली ग्राउंड के अंदरुनी हिस्से में आने की कोशिश की जिससे भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी।
मोदी ने उन लोगों से अपनी ही जगह पर बने रहने और आगे आने की कोशिश नहीं करने का आह्वान कर भीड़ को शांत करने का प्रयास किया। लेकिन उनके आग्रह का कोई असर नहीं पड़ा एवं समर्थक मंच के सामने खाली जगह में कुर्सियां फेंकने लगे ताकि अंदरुनी हिस्से में जगह बन पाए जबकि यह जगह महिला समर्थकों के लिए निर्धारित थी।
इस हो-हल्ला के बाद मोदी ने अचानक यह कहते हुए अपना भाषण बंद कर दिया कि उन्हें दूसरी रैली में जाना है। पुलिस अधिकारी के अनुसार भगदड़ जैसी स्थिति के दौरान कई महिलाएं और बच्चे बेहोश हो गये। उन्हें प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया। इस घटना से मोदी की पिछले साल की 16 जुलाई की रैली याद आती है जब पश्चिम मिदनापुर जिले में मंच गिर गया था और कई लोग घायल हो गये थे।
प्रधानमंत्री ने लोगों को धक्का-मुक्की करते देख कहा कि कार्यकर्ताओं के उत्साह से यह जगह कम पड़ गई और मैदान छोटा पड़ गया। इससे लोगों को असुविधा हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को समझाते हुए कहा कि आप जहां हैं, वहां रहें। धक्का-मुक्की होते देख प्रधानमंत्री ने भगदड़ की आशंका को देखते हुए रैली खत्म कर दी।
किसानों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने कहा कि ये देश का दुर्भाग्य रहा कि आजादी के बाद भी अनेक दशकों तक गांव की स्थिति पर उतना ध्यान नहीं दिया गया, जितना देना चाहिए था। यहां पश्चिम बंगाल में तो स्थिति और भी खराब है। इससे पहले प्रधानमंत्री बजट पर भी बोले, उन्होंने कहा कि यह बजट तो एक शुरुआत मात्र है अभी नई सरकार बनने के बाद जब पूर्ण बजट आएगो तो किसानों, युवाओं की तस्वीर साफ हो जाएगा। कल बजट में जो घोषणाएं की गई है उनसे देश के 12 करोड़ से ज्यादा छोटे किसान परिवारों, 30-40 करोड़ श्रमिकों, मजदूर भाई-बहनों और 3 करोड़ से अधिक मध्यम वर्ग के परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा।
पीएम मोदी की रैली में भगदड़ जैसी स्थिति, कई घायल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तरी 24 परगना जिले के ठाकुरनगर में अपनी रैली में भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाने के बाद अपना भाषण बीच में ही बंद कर दिया। ऐसे स्थिति उत्पन्न होने से कई लोग घायल हो गये।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि कई महिलाएं और बच्चे घायल हो गये। दरअसल जब मोदी मटुआ समुदाय की रैली को संबोधित कर रहे थे तब आयोजन स्थल के बाहर खड़े उनके सैकड़ों समर्थकों ने रैली ग्राउंड के अंदरुनी हिस्से में आने की कोशिश की जिससे भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी।
मोदी ने उन लोगों से अपनी ही जगह पर बने रहने और आगे आने की कोशिश नहीं करने का आह्वान कर भीड़ को शांत करने का प्रयास किया। लेकिन उनके आग्रह का कोई असर नहीं पड़ा एवं समर्थक मंच के सामने खाली जगह में कुर्सियां फेंकने लगे ताकि अंदरुनी हिस्से में जगह बन पाए जबकि यह जगह महिला समर्थकों के लिए निर्धारित थी।
इस हो-हल्ला के बाद मोदी ने अचानक यह कहते हुए अपना भाषण बंद कर दिया कि उन्हें दूसरी रैली में जाना है। पुलिस अधिकारी के अनुसार भगदड़ जैसी स्थिति के दौरान कई महिलाएं और बच्चे बेहोश हो गये। उन्हें प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया। इस घटना से मोदी की पिछले साल की 16 जुलाई की रैली याद आती है जब पश्चिम मिदनापुर जिले में मंच गिर गया था और कई लोग घायल हो गये थे।