संपादकीय:प्रवीण दुबे
भारत और पकिस्तान की महिला टीमें एशिया कप 2024 के बहुप्रतीक्षित मुकाबले में आज टूर्नामेंट के पहले दिन ही दांबुला में आमने-सामने होंगी.
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी लगातार भारत को न केवल टार्गेट कर रहे हैं बल्कि भारतीय सुरक्षा बलों पर जानलेवा हमले भी जारी रखे हुए हैं ऐसे हालात में दुश्मन देश के साथ क्रिकेट खेलना कहां तक उचित है।
उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में पिछले कुछ वक्त से आंतकवादी गतिविधियों में बढ़ौतरी हुई है. इतना ही नहीं केवल जुलाई में ही 15 दिनों में घाटी में 4 बड़े आतंकी हमले हुए हैं इन हमलों में सेना के कई जवान शहीद हो गए और कई अन्य घायल हैं.
इसी बीच 8 और 15 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के कटूहा और डोडा में बड़े आतंकी हमले देखे गए. कटुहा में हुए हमले में 5 जवान शहीद हो गए. वहीं 15 जुलाई को आंतकियों के साथ हुई मुठभेड़ में पांच जवान शहीद हो गए थे.
2024 में अब तक हुए हैं 4 बड़े हमले
2024 में जम्मू और कश्मीर में अब तक 4 बड़े आंतकी हमले हो चुके हैं. इनमें सबसे पहला हमला 4 मई को हुआ था. इस हमले में एक आईएएफ अधिकारी की मौत हो गई थी. यह हमला पूंछ में किया गया था. इसके बाद 11 जून कटुहा में हुए आंतकी हमले में एक सीआरपीएफ जवान शहीद हो गया था. 8 जुलाई को कटुहा के बड़नोता गांव में हुए आंतकी हमले में 5 जवान शहीद हो गए हैं और साथ ही एक आंतकी भी मारा गया है. वहीं हाल ही में 15 जुलाई को हुए हमले में आर्मी कैप्टन समेत चार जवान शहीद हो गए हैं.
इन सभी घटनाक्रमों के पीछे पाक समर्थित आतंकवादी गुटों के हाथ होने के सबूत सामने आ चुके हैं। यह भी सामने आ चुका है कि आतंकवादियों को पाकिस्तान सेना न केवल हथियार उपलब्ध कराती है बल्कि उन्हें आतंकवादी शिविरों में प्रशिक्षण भी प्रदान करती है। ऐसे ही कई आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों को भारत पूर्व में बालाकोट एयर स्ट्राइक करके तहस नहस भी कर चुका है।
अब स्थिति इतनी बिगड़ती दिखाई दे रही है कि आतंकवादी घाटी के बाद जम्मू को निशाना बनाने की रणनीति को अंजाम दे रहे हैं।
पाकिस्तान नहीं चाहता कि आने वाले कुछ महीनों के दौरान कश्मीर में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव हों और लोकतांत्रिक ढंग से चुनी सरकार सत्ता में आए।
ऐसे माहौल में जब भारत पिछले कुछ सालों से पाकिस्तान के साथ आर्थिक संबंध तोड़े हुए है साथ ही किसी भी प्रकार की बातचीत भी नहीं है, उस दुश्मन देश के साथ खेल संबंध कायम रखना कहां तक उचित है ?
जरा विचार करिए उन सुरक्षा बलों के जवानों से जुड़े परिवारों का जिन्हें पाकिस्तानी आतंकवादियों ने अपना निशाना बनाया ,जब भारतीय क्रिकेट टीम ऐसे दुश्मनों के साथ खेलेगी तो उन परिवारों के दिलों पर क्या गुजरेगी।
इतना ही नहीं आज देश के भीतर जो सांप्रदायिक सोहार्द बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है इस प्रकार की गतिविधियों से अराजक तत्वों को भी मौका मिलता है वे इसकी आड़ में लोगों की भावनाएं भड़काकर माहौल बिगाड़ते हैं।
सर्वविदित है कि जब भी भारत पाकिस्तान मैच होता है भारत में बैठे पाकिस्तानी पिट्ठू यहां पाकिस्तान का समर्थन करते दिखाई देते हैं यदि दुर्भाग्य से दुश्मन देश की टीम जीत जाती है तो पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए जाते हैं साथ ही पाकिस्तान का झंडा लहरा लहराकर जीत का जश्न मनाया जाता है।
इससे तनाव की स्थिति पैदा हो जाती है। इन सब बातों को दृष्टिगत रखकर भारत को पाकिस्तान के साथ की जाने वाली किसी भी खेल गतिविधि का बहिष्कार करके यह मैसेज देना चाहिए कि पाकिस्तान एक दुश्मन मुल्क है और वह भारत में आतंकवाद फैलाकर उसे अर्थात भारत को कमजोर करने के षड्यंत्र में जुटा है।