नई दिल्ली /केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अभी कुछ देर पहले रोमानिया और मोल्दोवा में बचाव कार्यों की निगरानी के लिए @airindiain क्रू के साथ रवाना हुए। उन्होंने कहा है कि प्रत्येक भारतीय नागरिक के सुरक्षित घर वापस जाने की सुविधा सुनिश्चित करना हमारा संकल्प है जिसे हम पूर्ण करेंगे।
उल्लेखनीय है कि जिन जगहों पर संघर्ष से आवाजाही के लिए खतरा नहीं है, वहां भारतीय अधिकारी नागरिकों को निकालने में सफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों की वापसी सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास करना जारी रखेगा। यूक्रेन से भारतीयों की सुरक्षित निकासी के प्रयासों के तहत केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी हंगरी जा रहे हैं, ज्योतिरादित्य सिंधिया रोमानिया और मोल्दोवा में निकासी प्रक्रिया की देखरेख करेंगे। वहीं, किरेन रिजिजू स्लोवाकिया की यात्रा कर रहे हैं और जनरल (अवकाशप्राप्त) वीके सिंह पोलैंड से लगते पारगमन बिंदुओं पर निकासी प्रक्रिया की देखरेख करेंगे
उधर युद्ध प्रभावित यूक्रेन के खारकीव शहर में मंगलवार सुबह गोलाबारी में एक भारतीय छात्र की मौत हो गई जो कर्नाटक का निवासी था। रूस के हमले के बाद यूक्रेन में जारी युद्ध में यह किसी भारतीय व्यक्ति की मौत का पहला मामला है। विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया, “अत्यंत दुख के साथ हम पुष्टि करते हैं कि आज सुबह खारकीव में गोलाबारी में एक भारतीय छात्र की जान चली गई।” मंत्रालय ने कहा कि वह छात्र के परिवार के संपर्क में है। इसने कहा, “हम परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।”
इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि छात्र कर्नाटक के हावेरी जिले के चलगेरी का निवासी था। कर्नाटक राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आयुक्त डॉ. मनोज राजन ने कहा कि गोलाबारी में हावेरी जिले के चलगेरी के मूल निवासी नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर की मौत हो गई। कई भारतीय अभी भी खारकीव में फंसे हुए हैं जहां रूस ने एक बड़ा सैन्य आक्रमण शुरू किया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि विदेश सचिव रूस और यूक्रेन के राजदूतों से बात कर रहे हैं जिसमें वह उन भारतीय नागरिकों के लिए “तत्काल सुरक्षित मार्ग” की भारत की मांग को दोहराएंगे जो अभी भी खारकीव और अन्य शहरों में संघर्ष क्षेत्रों में फंसे हैं। इसने कहा, “इसी तरह की कार्रवाई रूस और यूक्रेन में हमारे राजदूतों द्वारा भी की जा रही है।
खारकीव शहर में यूक्रेनी सैनिकों और रूसी सेना के बीच भीषण लड़ाई हो रही है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि खारकीव में बिगड़ती स्थिति गंभीर चिंता का विषय है और उस शहर में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि भारत पहले ही रूसी और यूक्रेनी दूतावासों के साथ खारकीव और संघर्ष वाले अन्य शहरों से छात्रों सहित भारतीय नागरिकों के लिए सुरक्षित मार्ग की आवश्यकता का मुद्दा उठा चुका है।
इस संबंध में एक सूत्र ने कहा, “24 फरवरी को इस संघर्ष की शुरुआत के बाद से रूस और यूक्रेन से यह मांग बार-बार की जाती रही है। नयी दिल्ली में उनके राजदूतों के साथ-साथ उनकी राजधानियों में भी यह मांग की गई है।” सूत्रों ने कहा कि भारत सरकार की ओर से भारतीयों को निकालने की तैयारी पिछले कुछ समय से की जा रही है। सूत्र ने कहा, “यूक्रेनी सीमा के पास रूसी शहर बेलगोरोद में एक भारतीय टीम को तैनात किया गया है। हालांकि, खारकीव और आसपास के शहरों में संघर्ष की स्थिति एक बाधा बन कर रही है।” उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, यह जरूरी है कि रूस और यूक्रेन सुरक्षित मार्ग की हमारी आवश्यकता पर तत्काल प्रतिक्रिया दें।’’