मोदी सरकार ने अंतरिम बजट 2019 में आयकर छूट (income tax) की सीमा ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी है. लोकसभा चुनाव से पहले सवर्ण आरक्षण के बाद यह मोदी सरकार का दूसरा सबसे बड़ा दांव है. हालांकि, 5 लाख से ज्यादा आय वाले लोगों को इससे फायदा नहीं होगा क्योंकि सरकार ने टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है. पांच लाख से ज्यादा आय वाले लोगों को टैक्स राहत पर पीयूष गोयल ने कहा कि पूर्ण बजट में इसपर फैसला हो सकेगा.
दरअसल नए ऐलान के अनुसार नौकरी-पेशा लोगों के लिए राहत का ऐलान हुआ. इसमें 5 लाख रुपये तक की कमाई वाले लोग टैक्स फ्री होंगे. टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं हुआ है यानी कि 5 लाख से ज्यादा कमाई वाले लोगों के लिए अब भी राहत ढाई लाख तक की ही हैं. लेकिन जिनकी आय 5 लाख से नीचे है उनके लिए राहत 5 लाख तक है. वर्तमान स्लैब के अनुसार ढाई से 5 तक लाख रुपये तक की कमाई पर 5 फीसदी आयकर देना पड़ता था. ये नियम 5 लाख से ज्यादा कमाई वालों के लिए जारी रहेगा. यानी जिनकी आमदनी 5 लाख रुपये से ज्यादा है, उन्हें पुराने टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना ही पड़ेगा.
कितना बचेगा?
नए ऐलान से पहले 5 लाख रुपये तक की आदमनी पर 5 फीसदी आयकर देना पड़ता था. अगर किसी की कमाई ढाई लाख रुपये से ज्यादा थी, तो उसे साढ़े 12 हजार रुपये तक टैक्स चुकाना पड़ता था. यानी अब कम से कम ढाई लाख से 5 लाख रुपये तक आमदनी वालों को सालाना कम से कम साढ़े 12 हजार रुपये की बचत होने वाली है.