भोपाल:/ मध्य प्रदेश में बीते 7 दिनों से जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल जारी है. अब हाईकोर्ट में इसे लेकर एक याचिका दाखिल की गई है, जिससे जूनियर डॉक्टर्स की परेशानी बढ़ सकती है. दरअसल हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद जूनियर डॉक्टर्स काम पर नहीं लौटे थे. जिसके चलते अब कोर्ट में अवमानना की याचिका दायर की गई है. जिस पर सोमवार को सुनवाई होनी है.
उधर रविवार को शाम 4 बजे जूडा और मंत्री सारंग के बीच बातचीत हुई जिसके बाद जूडा ने हड़ताल वापस न लेने का ऐलान किया इस प्रकार मध्यप्रदेश में 5 से अधिक मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म नहीं होगी. जूडा ने कहा कि हड़ताल खत्म नहीं करेंगे. हमारी मांगों को लेकर लिखित ऑर्डर सरकार की ओर से नहीं मिला है. हम काम पर लौटना चाहते हैं, लेकिन जब तक मंत्री जी अपना वादा नहीं निभाते हड़ताल जारी रहेगी.
रविवार सुबह जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (जूडा) की तरफ से सरकार को बातचीत कर मामले का हल निकालने के लिए वीडियो जारी कर अनुरोध किया गया था. इस पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा था कि जूडा को हाईकोर्ट का सम्मान कर हड़ताल वापस लेना चाहिए. उन्होंने मांगों को लेकर भी अपनी बात कही थी. शाम 4 बजे जूनियर डॉक्टर मंत्री विश्वास सारंग के बंगले पर मिलने पहुंचे, लेकिन मंत्री बंगले पर नहीं थे. इसके बाद वे आए और जूडा पदाधिकारियों से मुलाकात की. इसके बाद कहा कि उनकी मांग मान ली गई हैं. जब जूडा ने मंत्री से कहा कि हमें लिखित ऑर्डर दीजिए, तो वे बोले की हठधर्मिता छोड़कर काम पर लौटना चाहिए.
हाईकोर्ट के आदेश की हुई अवहेलना
बता दें कि मध्य प्रदेश में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल के विरोध में बीते दिनों हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल को अवैध बताते हुए नाराजगी जाहिर की थी. साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया था कि जूडा अगले 24 घंटे में अपनी हड़ताल खत्म करे. हालांकि जूडा ने हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद भी अपनी हड़ताल खत्म नहीं की.
सरकार और जूनियर डॉक्टर्स के बीच बातचीत का दौर अभी भी जारी है लेकिन कोई हल निकलता नजर नहीं आ रहा है. अब जबलपुर के समाजसेवी डॉ एम ए खान की ओर से हाईकोर्ट में एक अवमानना याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद भी जूनियर डॉक्टर्स ने अपनी हड़ताल खत्म नही की जो हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना है. जूनियर डॉक्टर्स अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं लेकिन आम जनता की परेशानियों को नजरअंदाज कर रहे हैं.
हड़ताल के चलते मध्य प्रदेश के हजारों मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना संकटकाल में जब डॉक्टरों की सबसे ज्यादा जरूरत है तब जूनियर डॉक्टर अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में मांग की है कि जूनियर डॉक्टर जल्द ही अपने काम पर वापस लौटे ताकि मरीजों को राहत मिल सके.
जूडा की मांगें
जूडा ने उनसे कुछ मांगों पर स्वीकृति मांगी थी, लेकिन वह नहीं मिली. जूडा ने 24% स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग की. 17% स्टाइपेंड के साथ इंटर्न को 3000 से 4000 बढ़ाकर दिए जाएं.
6 ℅ की वार्षिक वृद्धि हर साल की जाय. हड़ताल के दौरान लिए गए एक्शन को वापस लिया जाय. कोविड में ड्यूटी करने के 10 अंक का अलग से एक सार्टिफिकेट दिया जाय.
अस्पतालों में जूडा के लिए बिस्तर रिजर्व हों. जूडा को सुरक्षा दी जाए. ग्रामीण क्षेत्रों में ड्यूटी का एक साल का बांड खत्म किया जाय.
याचिका में यह भी मांग की गई है कि जूनियर डॉक्टरों ने हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना की है. लिहाज़ा डॉक्टरों पर अवमानना का मामला भी चलाया जाए. जूनियर डॉक्टर के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सोमवार को सुनवाई हो सकती है.