प्रधानमंत्री ने कहा कि सौभाग्य योजना के तहत चार करोड़ घरों को बिजली दी जाएगी। इस पर कुल 16,320 करोड़ रुपये की लागत आएगी जिसका बड़ा हिस्सा (12,320 करोड़ रुपये) केंद्रीय बजट से दिया जाएगा। योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र पर खास ध्यान होगा क्योंकि 90 फीसद बिना बिजली वाले घर गांवों में ही है। उक्त आवंटन का 14,025 करोड़ रुपये ग्रामीण विद्युतीकरण के लिए दिया जाएगा। सरकार के वर्ष 2011 के समाजिक आर्थिक व जातिगत जनगणना के आधार पर यह स्कीम लागू की जाएगी। इस जनगणना में आने वाले सभी परिवारों को मुफ्त बिजली दी जाएगी। लेकिन इसके अलावा जो अन्य परिवार बिजली कनेक्शन लेना चाहेंगे उन्हें महज 500 रुपये देने पर बिजली कनेक्शन मिल जाएगा। और इसका भुगतान भी उन्हें मासिक किस्त में देने की सुविधा मिलेगी। जहां सामान्य बिजली कनेक्शन नहीं होगी मसलन दूर दराज के गांवों के घरों को सोलर कनेक्शन दिया जाएगा। इन घरों को पांच एलईडी बल्ब, एक डीसी फैन और एक पावर प्लग को चलाने वाला सौर बैट्री बैंक दिया जाएगा।
सौभाग्य को लांच करते हुए पीएम मोदी ने कहा ”अभी तक किसी ने सोचा नहीं था कि एक सरकार ऐसी भी आएगी जो लोगों के घर घर जा कर बिजली कनेक्शन देगी।” दरअसल, इस योजना के तहत बिजली वितरण कंपनियों के अधिकारी स्वयं सरकारी डाटा के हिसाब से उन घरों में जाएंगे जहां बिजली कनेक्शन नहीं है और घर के मुखिया के आधार कार्ड को देख कर बिजली कनेक्शन हाथों हाथ देंगे। बिजली मंत्री आर के सिंह ने इस अवसर पर बताया कि दिसंबर, 2017 तक हर गांव को बिजली मिल जाएगी और उसके एक वर्ष बाद यानी दिसंबर, 2018 तक हर घर को बिजली देने का लक्ष्य हासिल पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद हर घर को चौबीसों घंटे, स्थाई बिजली देने का काम बचेगा जिसे पूरा किया जाएगा।
माना जा रहा है कि हाल ही में जिस तरह से पांच राज्यों के चुनावों में भाजपा को मिली सफलता के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय की उज्ज्वला योजना को एक अहम कारण माना जा रहा है उससे प्रभावित हो कर ही ‘सौभाग्य’ को लांच किया गया है। आगामी चुनाव में उक्त दोनो योजनाओं की सफलता सरकार के कामकाज का अहम उदाहरण होंगी। उज्जवला से जहां हर गरीब के घर में स्वच्छ एलपीजी से खाना पकेगा वहीं सौभाग्य से हर घर को रौशनी मिल सकेगी। पीएम मोदी ने सौभाग्य योजना की लांचिंग पेट्रोलियम क्षेत्र की सरकार कंपनी ओएनजीसी के नए भवन से की। पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान भी उपस्थित थे।