ब्रिटेन तीन ट्रायल से गुजर चुकी किसी कोरोना वैक्सीन को मंजूरी देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। इसने अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर और जर्मन कंपनी बायोएनटेक की जॉइंट कोरोना वैक्सीन को बुधवार को अप्रूवल दे दिया। उम्मीद है अगले हफ्ते से ही 8 लाख डोज के साथ ब्रिटेन के लोगों को टीके लगने शुरू हो जाएंगे।
फाइजर दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन क्यों?
दुनिया में अभी कुल 212 वैक्सीन पर काम चल रहा है। चीन फेज-1 ट्रायल से पहले ही चार वैक्सीन और रूस फेज-3 ट्रायल से पहले ही दो वैक्सीन को मंजूरी दे चुका था। दोनों देशों में वैक्सीनेशन भी शुरू हो चुका है, लेकिन तीन फेज के ट्रायल के बाद दुनिया में अब तक किसी भी वैक्सीन को मंजूरी नहीं मिली थी। इस वजह से फाइजर पहली ऐसी वैक्सीन होगी, जिसे तीन ट्रायल के बाद किसी सरकार से मंजूरी मिली है।
फाइजर की वैक्सीन 95% असरदार साबित हुई
फाइजर और बायोएनटेक की यह जॉइंट कोरोना वैक्सीन फेज-3 ट्रायल में 95% असरदार साबित हुई थी। बुधवार को मिली मंजूरी से पहले UK की मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी ने कहा था कि सेफ्टी से समझौता किए बिना वह फाइजर वैक्सीन को जितना कम समय में हो सके, अप्रूवल दे देगी।
50 अस्पतालों के जरिए वैक्सीनेशन शुरू होगा
ब्रिटेन ने कुल चार करोड़ डोज का ऑर्डर किया है। ये देश के 2 करोड़ लोगों के लिए पर्याप्त हैं। 21 दिन में एक व्यक्ति को दो डोज दिए जाएंगे। दूसरा डोज बूस्टर होगा। 1 करोड़ डोज अगले हफ्ते तक मुहैया कराए जाएंगे। 8 लाख डोज के साथ 50 अस्पतालों के जरिए वैक्सीनेशन शुरू होगा।
किसको और कब मिलेगी
ब्रिटेन सरकार के हेल्थ एक्सपर्ट्स प्रायोरिटी लिस्ट तैयार कर रहे हैं। लेकिन, माना जा रहा है कि यह सबसे पहले उन लोगों को दी जाएगी, जिन्हें कोरोना का खतरा सबसे ज्यादा है। केयर होम्स और यहां का स्टाफ सबसे ऊपर है। इसके बाद 80 साल से ज्यादा उम्र वालों को वैक्सीन दी जाएगी।