Homeप्रमुख खबरेंभाजपा : ये कैसी उल्टी रीत बड़ों को छूट छोटों को सीख

भाजपा : ये कैसी उल्टी रीत बड़ों को छूट छोटों को सीख

क्या भाजपा के बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह आदि पार्टी के नीति निर्धारकों के लिए सिरदर्द बनने लगे हैं, क्या इस वजह से ही वीडी शर्मा और हितानंद शर्मा की तरफ से यह निर्देश दिया गया है कि नए स्वागत समारोह केवल पार्टी कार्यालय में होगा जिलाध्यक्ष को किसी भी बड़े नेता के घर नहीं जाना है.।

उल्लेखनीय है कि भाजपा में पिछले दो वर्षों के दौरान कांग्रेसी कल्चर पूरी तरह से हावी हो चुका है। पार्टी में व्यक्ति निष्ठा सर चढ़कर बोल रही है।

एक तरफ जहां बड़े नेताओं ने अपने समर्थकों के गुट बना लिए है तो दूसरी ओर इन समर्थकों को संगठन और सत्ता में स्थापित कराने के लिए बड़े नेताओं पार्टी नेतृत्व पर दबाव की राजनीति करते दिखाई देते हैं।

यही वजह है कि पार्टी नेताओं को निर्णय लेने में पसीने छूटने लगे हैं। वर्तमान में जारी संगठन चुनाव इसका बड़ा प्रमाण है रायशुमारी से लेकर सभी प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद पार्टी नेतृत्व जिलाध्यक्षों की सूची जारी नहीं कर पा रहा है। और अब जो खबर आ रही है उसके मुताबिक पार्टी अध्यक्ष  वीडी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा के बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष से मुलाकात के बाद सूची जारी नहीं करके सीधे नामों का ऐलान करने का फॉर्मूला निकला है.

वीडी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने मौजूदा जिलाध्यक्षों, प्रदेश पदाधिकारियों और सांसद-विधायकों के साथ एक वर्चुअल बैठक के बाद बने फॉर्मूले की जानकारी दी गई जिसमें कहा गया है कि बीजेपी के जिलाध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया अब पूरी हो चुकी है. ऐसे में सभी जिलों में ही ऐलान किया जाएगा हालांकि  दिल्ली से ही लिस्ट फाइनल हुई है।

सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने अपने स्तर पर डैमेज कंट्रोल की प्रोसेस भी शुरू कर दी है इसी के चलते

वीडी शर्मा और हितानंद शर्मा की तरफ से यह निर्देश दिया गया  कि जो भी जिलाध्यक्ष बनाया जाएगा उसे सभी को साथ लेकर चलना है, स्वागत समारोह केवल पार्टी कार्यालय में होगा जिलाध्यक्ष को किसी भी बड़े नेता के घर नहीं जाना है. क्योंकि इससे गलत मैसेज जाता है, इसलिए सभी को साथ लेकर चलना है।

हालांकि इस दिशा निर्देश को पर पार्टी में व्यापक प्रतिक्रिया देखी जा रही है अनेक पार्टी नेताओं का मानना है कि तमाम बड़े नेताओं के अपने चहेतों को अध्यक्ष बनाने की लालसा के कारण माहौल बिगड़ा हुआ है और अब स्वागत समारोह में नवनियुक्त जिलाध्यक्ष को किसी भी बड़े नेता के घर नहीं जाने की सीख दी जा रही है जबकि होना तो यह था कि बड़े नेताओं से ही pqकहा जाता वे अपने घर आदि पर स्वागत समारोह आयोजित न करें।

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