ग्वालियर /पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राज्य सभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया 17 अगस्त को इंदौर-उज्जैन के दौरे पर रहेंगे। मध्य प्रदेश में 27 सीटाें पर होने वाले उपचुनाव को देखते हुए सिंधिया का यह दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है। लेकिन इसके साथ ही यह सवाल अब जोर शोर से उठने लगा है की कांग्रेस छोड़ भाजपा में आने के बाद अब तक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने गृहनगर ग्वालियर से किनारा क्यों कर रखा है ? जबकि सर्वाधिक सीटों पर चुनाव ग्वालियर अंचल में ही होने हैं। ग्वालियर के सिंधिया समर्थक लम्बे समय से उनके यहां आने का इंतजार कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है की हजारों की संख्या में कांग्रेस के भीतर बैठे उनके समर्थकों को इस बात का इन्तजार है की जब सिंधिया ग्वालियर आएंगे तब वे उनके सामने भाजपा की सदस्यता ग्रहण करेंगे। लेकिन अब इनके सब्र का बांध टूटता दिखाई दे रहा है। उधर एक वर्ग ऐसा भी है जो सिंधिया के ग्वालियर न आने को भाजपा के बड़े नेताओं का सिंधिया पर दबाव से जोड़कर देख रहे हैं। उधर श्री सिंधिया अपने प्रवास के दौरान इंदौर और उज्जैन में वे कई भाजपा नेताओं से उनके घर जाकर मुलाकात करेंगे। इनमें सुमित्रा महाजन (ताई) और कैलाश विजयवर्गीय (भाई) भी शामिल है।
तय कार्यक्रम के अनुसार, सिंधिया 17 अगस्त को सुबह 11.40 पर दिल्ली से उड़ान भरकर दोपहर 1.05 पर इंदौर पहुंचेंगे। यहां से वे सीधे महू से भाजपा विधायक और मप्र सरकार की पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर के घर जाकर उनसे मुलाकात करेंगे। इसके बाद वे सड़क मार्ग से उज्जैन जाएंगे। उज्जैन में वे भाजपा सांसद अनिल फिरोजिया से उनके घर जाकर मिलेंगे। इसके बाद वे मप्र सरकार के मंत्री मोहन यादव के घर भी जाएंगे। अपने उज्जैन प्रवास के दौरान सिंधिया भाजपा नेता पारस जैन और शिवा कोटवाणी से मिलने उनके घर जाएंगे। इसी दिन शाम को रामघाट पर महाकाल की शाही सवारी का पूजन कर वे इंदौर लौटेंगे।
इंदौर में वे भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, इंदौर-2 से विधायक रमेश मेंदोला, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और वर्तमान इंदौर सांसद शंकर लालवानी से उनके घर पर जाकर मिलेंगे। रात को होटल मैरियट में रुकने के बाद अगले दिन (18 अगस्त) सुबह दिल्ली लौट जाएंगे।