मध्यप्रदेश में इस वर्ष मानसून की बेरुखी से आधे से भी अधिक प्रदेश में अकाल के हालात बन गए हैं खेती सूख चुकीहै और पेयजल संकट के कारण लोग पलायन का मन बना रहे हैं। मवेशियों केलिए भी चारे पानी की कमी से हालात काबू के बाहर होते जा रहे हैं।प्रदेश में एक जून से 13 सितंबर तक 16 जिले ऐसे हैं जहाँ सामान्य वर्षा दर्ज हुई है। कम वर्षा वाले जिलों की संख्या 35 है। अभी तक हुई सामान्य औसत वर्षा 639.5 मिमी दर्ज की गई है जबकि प्रदेश की सामान्य औसत वर्षा 856.6 मिमी है।
सामान्य वर्षा वाले जिले कटनी, रीवा, सिंगरौली, इंदौर, धार, झाबुआ, खरगोन, बड़वानी, खण्डवा, बुरहानपुर, उज्जैन, मंदसौर, नीमच, रतलाम, आगर-मालवा और राजगढ़ हैं।
कम वर्षा वाले जिले जबलपुर, बालाघाट, छिंदवाड़ा, सिवनी, मण्डला, डिण्डोरी, नरसिंहपुर, सागर, दमोह, पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सीधी, सतना, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, अलीराजपुर, देवास, शाजापुर, मुरैना, श्योपुर, भिण्ड, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया, भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा, हरदा, बैतूल और होशंगाबाद हैं।