एक तरफ कोरोना ने मध्यम वर्ग की पहले से ही कमर तोड़ दी है तो दूसरी ओर महंगाई ने आम आदमी का दिवाली से पहले दिवाला निकाल कर रख दिया है। सब्जियों का राजा कहा जाने वाला आलू आब महंगाई के चलते लाल आंखे तरेर रहा है।थोक मूल्य सूचकांक बेस्ड मुद्रास्फीति (WPI) सितंबर में 7 महीने के उच्चतम स्तर 1.32% पर पहुंच गई है। अगस्त में भी थोक महंगाई दर बढ़ी थी और यह 0.16% पर पहुंच गई थी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से बुधवार को यह जानकारी दी गई है। इससे पहले अप्रैल में यह -1.57%, मई में -3.37%, जून में -1.81% और जुलाई में -0.58% रही थी।
सितंबर में आलू के भाव 107.6% बढ़े
मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, सालाना आधार पर सितंबर में सब्जियों के दाम 36.5% और आलू के भाव 107.6% बढ़े है। जबकि अगस्त में आलू की कीमत में 7.03% का इजाफा हुआ था। हालांकि, इस महीने अनाज की कीमतें 3.91% कम हुई है। जबकि दालों की कीमतें 12.53% बढ़ी है। इसके अलावा प्याज की कीमत में 31.64% की कमी हुई है। अगस्त में प्याज का भाव 34.48% कम हुआ था।
खाने-पीने की चीजों की महंगाई दर
सितंबर में खाने-पीने की चीजों की महंगाई दर पिछले साल की तुलना में 6.92% अधिक रही है, जो अगस्त में 4.07% रही थी। जबकि सितंबर में फ्यूल और पावर की थोक महंगाई बढ़कर (-)9.54% हो गई है, जो अगस्त महीने में (-)9.68% थी। वहीं, मैन्युफैक्चर्ड प्रॉडक्ट्स के मामले में थोक महंगाई सितंबर में बढ़कर 1.61% हो गई है, जो अगस्त में 1.27% रही थी।
खुदरा मुद्रास्फीति दर
इससे पहले फल, सब्जी जैसे खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने से खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर महीने में बढ़कर 7.34% हो गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर अगस्त में 6.69% और सितंबर 2019 में यह 3.99% थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने सोमवार को यह आंकड़े जारी किए थे। इसके अनुसार खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर सितंबर में 10.6% रही, जो अगस्त में 9.05% थी। सितंबर में सब्जियों की कीमतें भी 20.7% बढ़ी है।