माघी पूर्णिमा के पावन पर्व पर आस्था और अत्साह के साथ हजारों-लाखों श्रद्धालुओं का रेला स्नान के लिए संगम की ओर बढ़ रहा है।
माघी पूर्णिमा पर कल शाम से ही संगम में स्नान जारी है। बताया जा रहा है कि माघी पर खबर लिखे जाने स 1.85 करोड़ से अधिक लोग स्नान कर चुके हैं। कल शाम से शुरू हुई माघी पूर्णिमा आज शाम तक रहने वाली है।
महाकुंभ में पावन स्नान के लिए सरकार ने जो अनुमान जताया था, श्रद्धालुओं की संख्या वह रेखा पार कर चुकी है। सरकार को इस मेले में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान था मगर मेला प्रशासन के मुताबिक कल तक 47.50 करोड़ लोग संगम में स्नान कर चुके हैं।
प्रयागराज के डीआइजी वैभव कृष्ण का कहना है कि माघी पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालु बड़ी संख्या में स्नान के लिए यहां पहुंच रहे हैं। हमारी तैयारियां अच्छी हैं। सब कुछ नियंत्रण में है। पार्किंग, ट्रैफिक डायवर्जन से लेकर सब कुछ सक्रिय है। श्रद्धालु नियमों का पालन कर रहे हैं।
सीएम योगी ने दीं शुभकामनाएं, सुबह से कर रहे हैं मॉनिटरिंग
महाकुंभ में श्रद्धालुओं का महास्नान जारी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी श्रद्धालुओं को महापुर्व की शुभकामनाएं दी हैं। खबर है कि सीएम योगी सवेरे चार बजे से आयोजन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
माघी पूर्णिमा के मौके पर ज्यादा से ज्यादा स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए रेलवे ने महाबोधि समेत चार ट्रेनों को जहां निरस्त किया है तो कुछ का रूट भी बदला है। रेलवे ने जिन ट्रेनों को निरस्त किया है उसमें 12397 गया-नई दिल्ली महाबोधि, 12367 भागलपुर नई दिल्ली, 22466 आनंद विहार- मधुपुर हमसफर और 12398 नई दिल्ली- गया के नाम शामिल है। इसके अलावा 13 फरवरी को 22465 मधुपुर- आनंद विहार हमसफर और 12368 नई दिल्ली -भागलपुर भी निरस्त रहेगी। इसके अलावा ट्रेन नंबर 12488 सीमांचल एक्सप्रेस कानपुर सेंट्रल-लखनऊ-बाराबंकी-गोरखपुर होकर 12 फरवरी को चलेगी। इसी तरह 15484 महानंदा एक्सप्रेस का संचालन कानपुर सेंट्रल-लखनऊ -बाराबंकी -गोरखपुर और बीकानेर गुवाहाटी भी कानपुर सेंट्रल -लखनऊ -बाराबंकी -गोरखपुर होकर जाएंगी।
आज समाप्त होगा कल्पवास
माघी पूर्णिमा स्नान के साथ ही संगम की रेती पर चलने वाला एक महीने का कल्पवास भी बुधवार को समाप्त हो जाएगा। इसके बाद, कल्पवासियों और संतों के जाने का क्रम शुरू हो जाएगा।
ऐसा पहली बार
महाकुंभ 2025 में पहली बार यह देखा जा रहा है कि मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी जैसे प्रमुख स्नान के बाद भी माघी पूर्णिमा पर करोड़ों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए प्रयागराज संगम पहुंच रहे हैं।