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मानवता, भाईचारा, सद्भावना समरसता का संदेश देती है गुरू ग्रंथ साहिब की पवित्र गुरुवाणी

दिनाक 11 Sept 2021 को धन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी पर आधारित मध्यप्रदेश पंजाबी साहित्य अकादमी द्वारा कार्यक्रम आयोजित ।

ग्वालियर /मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग ,पंजाबी साहित्य संकृत मध्यप्रदेश द्वारा कोवीड 19 महामारी के दृष्टिकोण से धन श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी में दार्शनिक कर्मवाद समरस्ता पर आधारित कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में पंजाबी साहित्य अकादमी की निदेशक नीरू सिंह ज्ञानी ने सभी का स्वागत करते हुए बताया कि धन श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी वो पवित्र ग्रंथ है जिसमें दर्ज की गई गुरबाणी मानवता, भाईचारा, सद्भावना समरसता का संदेश देती है।1430 अंग वाले इस पवित्र ग्रंथ में 31 रागों में 6 गुरू साहिबान, भट्टों साहिबान भक्त साहिबान की बाणी दर्ज है ।
पंजाबी साहित्य अकादमी के सोशल प्लेटफार्म पर आयोजित इस कार्यक्रम में शबद कीर्तन एवं व्याख्यान हज़ूरी रागी ज्ञानी हरमंजीत सिंह, गुरुद्वारा फूल बाग ग्वालियर द्वारा किया गया। ज्ञानी जी ने पारंपरिक राग में रसभिन्ना कीर्तन करके संगत को गुरु की बाणी से जोड़ दिया। कीर्तन के उपरांत भोपाल से माननीय सरदार प्रीतम सिंह जी जिन्होंने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का हस्तलिखित उतारा करने का एक महत्वपूर्ण पावन कार्य किया है ।उन्होंने कार्यक्रम के दौरान गुरु जी के प्रति प्रेम प्रकट किया  साथ ही विस्तार में बताया कि उनकी इस उपलब्धि में कितना समय और कितने परिश्रम के बाद वो ऐसा कर पाए है। समूह संगत ने प्रीतम सिंह जी की आभार व्यक्त किया और शुभ आशीष दिया है।

प्रीतम सिंह जी द्वारा अपने जीवन में की गई इस उपलब्धि से, वे अनेक लोगों के लिए प्रेरणा की प्रतिमूर्ति बन गए है ।

 

 

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