ग्वालियर / मध्यप्रदेश के ग्वालियर में उच्च नौकरशाही द्वारा मुख्यमंत्री के आदेश को हवा में उड़ाने और पिछले ढाई वर्ष के दौरान उनके द्वारा दिए गए निर्देश का पालन नहीं करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस मामले में कोई व्यक्ति अथवा संस्था परेशान नहीं हुई है बल्कि दूसरों की समस्याओं को उठाने वाले पत्रकार खुद इस मामले में लगातार परेशान हो रहे हैं।
संबंधित विषय में मुख्यमंत्री के तमाम निर्देशों पर कोई अमल नहीं किए जाने के बाद आज जब मुख्यमंत्री भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक हेतु ग्वालियर में हैं तो ग्वालियर प्रेस क्लब ने प्रशासन के नाकारापन से मुख्यमंत्री को अवगत कराने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है ।इस बारे में सीधे मुख्यमंत्री से अनुनय विनय करते हुए कहा गया है कि “पत्रकारों की पीड़ा भी सुनो”।
मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र को हम यहां शब्दशः प्रकाशित कर रहे हैं
पत्रकारों की पीढ़ा भी सुनो…………
माननीय मुख्यमंत्री जी नमस्कार,
आपको पुनः अवगत करा रहे हैं कि ग्वालियर प्रवास के दौरान 8 जनवरी 2021 को ग्वालियर स्थित मामा माणिकचंद बाजपेयी पत्रकार कालोनी लीजरेंट माफ किए जाने की घोषणा आपके द्वारा सार्वजनिक रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस में की गई थी। लेकिन आज दिनांक तक शासन प्रशासन द्वारा लीजरेंट माफ नहीं किया गया है। ग्वालियर प्रेस क्लब और मध्यप्रदेश पत्रकार संघ ने आपके ग्वालियर आगमन पर हमेशा स्मरण पत्र दिया ।लेकिन आपके आदेश को प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया।
आपसे पुनः अनुरोध है कि शीघ्र लीजरेंट माफ करने का कष्ट करें।
साथ ही वरिष्ठ पत्रकारो को मिलने वाली मासिक श्रद्धानिधी 10 हजार से बढ़ाकर 25 हजार करने सहित दिवंगत पत्रकारों के परिजनों या पत्नी को श्रद्धानिधी दिए जाने पत्रकार सुरक्षा कानून शीघ्र बनाए जाने के निर्देश जारी कर सहयोग प्रदान करे
राजेश शर्मा
अध्यक्ष
ग्वालियर प्रेस क्लब