मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आज सिक्ख गुरु हरगोविंद साहब जी केसम्मान में एक बड़ी घोषणा करते हुए ग्वालियर के पुरानी छावनी क्षेत्र में बनाए जाने वाले नगर द्वार का नाम सिक्खों के छठवें गुरु हरगोविंद साहब जी के नाम पर दाताबंदी छोड़ द्वार करने की घोषणा की।https://x.com/CMMadhyaPradesh/status/1890301966066045234?t=kck816d_C_FdlHTBaFpWcA&s=08
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मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्वालियर शहर व ग्वालियर चम्बल संभाग में सिक्ख समुदाय का बड़ा प्राचीन इतिहास है। बड़ी संख्या में सिक्ख परिवार इस क्षेत्र में निवास करते है। सिक्खों के छठवें गुरु “श्री हरगोबिंद साहब जी” को ग्वालियर के किले में मुगल बादशाह जहाँगीर ने कई वर्षों तक बंदी बनाकर रखा था। श्री गुरु हरगोविंद जी साहब के साथ और भी 52 हिन्दु राजा कैद थे।
जब श्री गुरु हरगोविंद जी को बादशाह द्वारा मुक्त किया जा रहा था, तब उन्होंने अपने साथ 52 राजाओं को भी मुक्त करने की शर्त रखी थी। इसके लिए विशेष रूप से बनवाये गुरू साहब के चोले की 52 कलगियों को पकड़कर सभी 52 राजा ग्वालियर किले से बाहर आये थे। इस कारण गुरू साहिब का नाम “दाताबंदी छोड़” पड़ा।
परिणामस्वरूप ग्वालियर पर किले पर प्राचीन व ऐतिहासिक “दाता बंदी छोड गुरुद्वारा” बना हुआ है। जिसके दर्शन के लिए देश-विदेश से तथा मुख्यतः पंजाब, हरियाणा, दिल्ली से सिक्खों के बड़े समूह नियमित रूप से ग्वालियर आते हैं। प्राय: यह आवागमन मुरैना के रास्ते ही होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार मुरैना के रास्ते में पुरानी छावनी में नव-निर्मित “नगर द्वार” का नाम गुरू हरगोविंद साहब के नाम पर “दाता बंदी छोड़ द्वार” रखा जाना अत्यंत उपयुक्त तथा प्रासंगिक है।अतः मैं पुरानी छावनी में नव-निर्मित “नगर द्वार” का नाम गुरू साहब के नाम पर “दाता बंदी छोड़ द्वार” रखने की घोषणा करता हूँ।