आज कुणाल 25 वर्ष का हो गया, ये वर्ष कैसे बीत गये, पता ही नहीं चला! मुझे वो दिन याद है, जब 19 जून को कुणाल का जन्म हुआ था। तब मैंने अपनी गोद में लेकर उसके कान में गायत्री मंत्र पढ़ा था और भगवान से यही प्रार्थना की थी कि हे मेरे प्रभु इसे सद्बुद्धि देना, सन्मार्ग पर चलाना।
आज 25 साल बाद मेरे मन में संतोष और आनंद का भाव है कि मैंने जो प्रार्थना की थी, वो सफलीभूत हो रही है। कुणाल उसी राह पर चल रहा है।कार्तिक और कुणाल दोनों को सन्मार्ग पर चलते देखकर मन आनंद और प्रसन्नता से भर जाता है। एक पिता के लिए इससे ज्यादा गर्व और किस बात पर हो सकता है!
कुणाल को जन्मदिन पर अशेष शुभकामनाएं और प्रभु से यही प्रार्थना कि दोनों सन्मार्ग पर चलें तथा सदैव प्रसन्न एवं आनंदित रहें। दोनों को पिता का अपार स्नेह और आशीर्वाद!