मध्यप्रदेश में जब भाजपा सत्ता में थी उस समय मुख्यमंत्री शिवराज और केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के बीच का याराना किसी से छुपा नहीं था, विधानसभा चुनाव के समय भी इन दोनों दोस्तों की चतुराई भरी चालों की चर्चा दिल्ली तक थीं। अब खबर यह आ रही है कि इन दो नेताओं के बीच दूरियां बढ़ने लगी है,इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण मंगलवार को देखने को मिला जब शिवपुरी तक आए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने नरेन्द्र सिंह से दूरी बनाए रखी और वहीं से वापस लौट गए।
उल्लेखनीय है कि नरेन्द्र सिंह तोमर द्वारा अपने संसदीय क्षेत्र ग्वालियर में कनकेश्वरी दैवी की भागवत कथा का आयोजन किया गया इस कथा में पिछले एक सप्ताह के दौरान कई भाजपा व संघ से जुड़े नेता आते जाते रहे मंगलवार को इस भागवत कथा का समापन था । चूंकि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह शिवपुरी व आसपास के इलाके में ही थे अतः कथा स्थल पर इस बात की उम्मीद थी कि वह अपने सबसे निकटतम मित्र द्वारा आयोजित इस कथा में अवश्य आएंगे लेकिन शिवराज सिंह चौहान नरेंद्र सिंह के यहां कथा में नहीं आए और शिवपुरी से ही वापस लौट गए।
इस घटनाक्रम को भाजपा में शिवराज और नरेंद्र सिंह के बीच बढ़ती राजनीतिक दूरी से जोड़कर देखा जा रहा है कथा स्थल पर भाजपा के तमाम नेताओं के बीच दबी जुबान इसपर चर्चा चलती रही हालांकि इसपर खुलकर कोई भी बोलने को तैयार नहीं हुआ।
यहां बताना उपयुक्त होगा कि हाल ही में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनावों में नरेन्द्र सिंह के प्रभाव वाले ग्वालियर अंचल की 34 में से 26 सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। हारे हुए कई नेताओं ने इसमें से तमाम सीटों पर हार के लिए नरेन्द्र सिंह को सीधे जिम्मेदार ठहराया था ,यहां तक आरोप लगाए गए कि इसी वजह से मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार जीती हुई बाजी हार गई बस इसी वजह से अब इन दोनों पुराने दोस्तों के बीच दूरियां बढ़ गई हैं।