मेले में नाबार्ड के सहयोग से लगे स्व-सहायता समूहों के उत्पाद सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र बने
फैसिलिटेशन सेंटर परिसर में लगे शिल्प बाजार में नाबार्ड ने लगवाए हैं स्व-सहायता समूहों व स्टार्टअप के स्टॉल
ग्वालियर / स्टार्टअप एवं स्व-सहायता समूहों को अपने उत्पादों को बेचने के लिये प्लेटफार्म उपलब्ध कराने में नाबार्ड द्वारा मदद प्रदान की जाती है। श्रीमंत माधवराव सिंधिया ग्वालियर व्यापार मेले में भी नाबार्ड ने अपनी इसी नीति के तहत स्व-सहायता समूहों व स्टार्टअप को प्लेटफार्म उपलब्ध कराए हैं। मेला परिसर में फैसिलिटेशन सेंटर के समीप लगे शिल्प बाजार में नाबार्ड ने स्व-सहायता समूहों और र्स्टाटअप के पाँच स्टॉल लगवाए हैं।
नाबार्ड के जिला विकास अधिकारी श्री धर्मेन्द्र सिंह ने बताया कि फैसिलिटेशन सेंटर के समीप लगे शिल्प बाजार में राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय की एग्रीबिजनेस इक्यूबेशन एण्ड एंटरप्रेन्योरशिप (सीएआईई) योजना से जुड़ीं दो इकाईयों (स्टार्टअप) को स्टॉल उपलब्ध कराया है। इन स्टार्टअप द्वारा गोबर शिल्प और जलकुम्भी से तैयार एक से बढ़कर एक कलात्मक उत्पाद शिल्प बाजार में सजाए गए हैं जो सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं।
इसी तरह चंदेरी, अशोकनगर के पाकीजा स्व-सहायता समूह द्वारा चंदेरी हैंडलूम के सूट, साड़ियां व दुपट्टे का स्टॉल नाबार्ड के सहयोग से लगाया गया है। इंदौर के साझा समृद्धि स्व-सहायता समूह द्वारा रशियन लकड़ी से तैयार अद्वितीय बटुए व पर्स मेले में आ रहे सैलानियों को लुभा रहे हैं।
आजीविका मिशन से जुड़े ग्वालियर के ग्राम भयपुरा के जय माता दी स्व-सहायता समूह द्वारा तैयार मसालों की महक से सैलानी खिंचे चले आ रहे हैं। इसी तरह राजगढ़ जिले के उत्कृष्ट स्व-सहायता समूह द्वारा एक से बढ़कर एक हैण्डलूम वस्त्र शिल्प मेले में सजे हैं।
नाबार्ड के जिला विकास अधिकारी श्री धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि नाबार्ड द्वारा शिल्प बाजार में दुकानों के आवंटन, आने जाने एवं ठहरने का पूरा खर्चा वहन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह स्टोल्स 20 तारीख तक लगे रहेंगे। इसके बाद प्रदेश के दूसरे स्वयं सहायता समूह जैसे कि जबलपुर के मार्बल स्टोन पर काम करने वाले समूह, धार के बाघ प्रिंट पर काम करने वाले समूह और देवास में कंफर्टर बनाने वाले समूह को मौका दिया जायेगा।