प्रवीण दुबे
ग्वालियर अंचल की 4 लोकसभा सीटों पर आगामी 7 मई को होने वाले मतदान से पूर्व मौसम विभाग से जुड़ी जो जानकारी सामने आ रही है वह चिंता बढ़ाने वाली कही जा सकती है। ऐसी परिस्थिति में चुनाव व्यवस्था की तैयारी में जुटे इलेक्शन कमीशन और जिलों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है। मौसम विज्ञान से जुड़ी तमाम अंतर्राष्ट्रीय वेदर वेबसाइट के अनुसार 7 मई को तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
यह स्थिति आगामी 12 मई तक जारी रहेगी और तापमापी का पारा 4 मई से लगातार 42 डिग्री के प्वाइंट को टच करने की संभावना व्यक्त की गई है।
वेदर वेबसाइट के अनुमान के मुताबिक मतदान दिवस 7 मई तक के पूर्वानुमान के अनुसार तापमान लगातार बढ़ने की संभावना व्यक्त की गई है
मौसम विज्ञान के अनुसार तापमान 38 या उससे ऊपर जाने पर जबरदस्त हीट वेव का खतरा बढ़ जाता है इसके दुष्परिणाम स्वरूप तेज गर्म हवाओं का कहर शुरू हो जाता है और सन बर्न अर्थात सूर्य से त्वचा का झुलसाव की स्थिति बन जाती है। इसके साथ ही गर्मी और लपट से पैदा होने वाली बीमारियां अपना असर दिखाना शुरू कर देती हैं।
ऐसे हालात में मतदाता घर से निकलकर लाइनों में लगेगा इसमें प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है। जिनकी जिम्मेदारी मतदाताओं की मानसिकता तैयार करने की है वह सरकारी अमला इस काम को महज सरकारी खानापूर्ति समझकर इति श्री करता दिखाई दे रहा है ऐसी स्थिति में मतदान सफलता पूर्वक कराना और मतदान प्रतिशत को बढ़ाना या पूर्व चुनाव के स्तर पर निर्धारित रखना एक बड़ी चुनौती से कम नहीं होगा । इस चुनौती से निपटने के लिए चुनाव लड़ने वाले राजनीतिक दलों ,चुनाव को ठीक प्रकार से संपन्न कराने वाले सरकारी अमले और इलेक्शन कमीशन को सामूहिक प्रयास करना होंगे।
मध्यप्रदेश में अबतक हुए दो चरणों के गिरते मतदान प्रतिशत ने पहले से ही चिंता बढ़ा रखी है। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश
लोकसभा चुनाव के अब तक के दो चरणों में हुए कम मतदान ने सत्ताधारी दल भाजपा के माथे पर शिकन बढ़ाना शुरू कर दिया है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह की सख्त हिदायतों के बाद नेता पशोपेश में हैं। लाख कोशिशों के बाद मतदान जागरूकता न ला पाने से आयोग भी सकते में है। कोशिशों में जुटी भाजपा ने तो कम मतदान का ठीकरा आयोग के सिर फोड़ते हुए शिकायत कर डाली है
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने खजुराहो में हुए कम मतदान को लेकर चुनाव आयोग को घेरे में लिया है। उन्होंने मशीनों की खराबी का हवाला देते हुए धीमी मतदान प्रक्रिया से हुए नुकसान का जिक्र किया है। शिकायत में वीडी शर्मा ने कहा है कि खजुराहो लोकसभा में युवाओं को वोटिंग का मौका ही नहीं मिल पाया, जिसके चलते करीब पांच प्रतिशत युवा वोटर बिना मतदान किए बूथों से वापस लौट गए।
मतदान में जागरूकता लाने के लिए चुनाव आयोग भी पिछले कई दिनों से प्रयासों में जुटा हुआ है। मतदान में सुविधाएं, मतदान के बदले आकर्षक ऑफर और लोगों को उनके कर्तव्यबोध के बाद भी लगातार दो चरणों में वोटिंग परसेंटेज न बढ़ पाना आयोग के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है। इस स्थिति के चलते अब 7 मई को होने वाले अगले चरण के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।
क्यों गिरा मतदान का प्रतिशत
सियासी समीक्षकों के मुताबिक मतदान प्रतिशत गिरना सत्तारूढ़ दल के खिलाफ जाने वाला फैसला होता है लेकिन इसके तात्कालिक कारणों में गर्मी की अधिकता, शादी-ब्याह का सीजन और दोनों चरणों का मतदान शुक्रवार के दिन होना माना जा रहा है। एक अच्छी बात यह है कि आगामी तीसरे चरण में ना तो बड़ा सहालग है और ना ही शुक्रवार लेकिन इन सबसे बड़ी चुनौती लपट और भीषण गर्मी मुंह बाए खड़ी है अफसोस इस बात का है कि मतदाताओं को इस भीषण गर्मी के प्रति मानसिक रूप से तैयार रहने का जागरूकता अभियान ना सरकारी तंत्र चला रहा है ना राजनीतिक दल।