अगर आपके स्मार्टफोन में चुनिंदा ऐप्स इंस्टॉल हैं तो आप बड़े खतरे में हो सकते हैं। गूगल ने प्ले स्टोर पर मौजूद 300 से ज्यादा मालिशियस ऐप्स को हटाया है क्योंकि ये फिशिंग कैंपेन से जुड़े थे। सामने आया है कि ये 331 ऐप्स वेपर ऑपरेशन (Vapor Operation) से जुड़े हैं और चुनिंदा एंड्रॉयड वर्जन्स में सिक्योरिटी फीचर्स को बायपास कर सकते हैं। इन ऐप्स को 6 करोड़ से ज्यादा बाद डाउनलोड किया गया है।
मालिशियस कैंपेन की जानकारी पिछले साल की शुरुआत में आईएएस Threat Lab की ओर से दी गई है। तब इस कैंपेन और मालवेयर से जुड़ी 180 ऐप्स की जानकारी मिली थी। इन ऐप्स के जरिए यूजर्स की पर्सनल जानकारी चोरी की जाती है और उन्हें ढेर सारे ऐड दिखाए जाते हैं। इसके अलावा ये ऐप्स यूजर्स का बैंकिंग डाटा भी इस्तेमाल कर सकते हैं। BleepingComputer की रिपोर्ट में इन ऐप्स और इनसे जुड़े खतरों के बारे में बताया गया है।
आखिर क्या है वेपर ऑपरेशन कैंपेन?
साइबर अपराधी पिछले साल की शुरुआत से ही यह कैंपेन चला रहे हैं और इसकी शुरुआत एक ऐड-फ्रॉड स्कीम के तौर पर हुई थी। IAS Threat Lab ने इसके बारे में सबसे पहले रिपोर्ट किया था और पता चला था कि रोजाना करीब 20 करोड़ फ्रॉड ऐड दिखाए जा रहे थे। इन ऐप्स को फेक क्लिक्स के जरिए एडवर्टाइजर्स का बजट खर्च करने के लिए बनाया गया था।
सामने आया है कि अब हटाए गए ऐप्स को अलग-अलग कैटेगरीज के लिए डिजाइन किया गया है और इन्हें हेल्थ ट्रैकर्स, QR स्कैनर्स, नोट-टेकिंग टूल्स और बैटरी ऑप्टिमाइजर्स के तौर पर डिवेलप किया गया है। हालांकि, ये बैकग्राउंड में अपना काम करते हैं और यूजर को नुकसान पहुंचाते हैं।
हटाए गए ऐप्स में ये नाम शामिल
प्ले स्टोर से हटाए गए ऐप्स की लिस्ट में AquaTracker, ClickSave Downloader और Scan Hawk वगैरह शामिल हैं। इन सभी ऐप्स को 10 लाख से ज्यादा बार डाउनलोड किया गया था। साथ ही TranslateScan और BeatWatch ऐप्स को क्रम से 10 लाख और 50 लाख बार डाउनलोड किया गया था। इन ऐप्स को अक्टूबर, 2024 से मार्च, 2025 के बीच प्ले स्टोर पर अपलोड किया गया था।
यूजर्स को अपने डिवाइस से ऐसे मालिशियल ऐप्स फौरन डिलीट करने चाहिए। अगर उन्होंने गूगल प्ले प्रोटेक्ट फीचर इनेबल कर रखा है तो उन्हें इस बारे में नोटिफिकेशन मिल जाएगा। साथ ही केवल भरोसेमंद डिवेलपर्स के ऐप्स डाउनलोड करने में समझदारी है।