उत्तरप्रदेश की सियासत में शनिवार को नया मोड़ आ सकता है। दो बड़े दल चौबीस साल बाद लोकसभा चुनाव(Loksabha Elections) के लिए एक साथ आ रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती(Mayawati) व समाजवादी पार्टी के मुखियाअखिलेश यादव(Akhilesh Yadav) मिशन 2019 को फतेह करने के लिए नए महागठबंधन का ऐलान कर सकते हैं। सपा-बसपा के दोनों दिग्गज नेता 12 जनवरी को लखनऊ के एक होटल में नए गठबंधन का औपचारिक ऐलान करते हुए इसके स्वरूप का खुलासा करेंगे। अखिलेश यादव ने कहा है कि यह महागठबंधन चुनाव में भारी जीत दर्ज करेगा।
तय हुआ फार्मूला
सूत्रों के मुताबिक सपा 35 सीटों पर तो बसपा 36 सीटों पर लड़ेगी। हाल ही अखिलेश यादव ने दिल्ली में मायावती के आवास पर गठबंधन व सीटों पर लंबी चर्चा की थी। अब करीब करीब साफ है कि कांग्रेस गठबंधन से बाहर ही रहेगी। सपा बसपा दोनों के तेवर कांग्रेस के प्रति तल्ख दिख रहे हैं लेकिन इतना जरूर है कि गठबंधन यूपी में कांग्रेस के मांगे बिना उसके लिए अमेठी व रायबरेली जैसी उसकी सिटिंग सीटें छोड़ रहा है। तीन सीटें रालोद को दी जा सकती हैं जबकि 4 सीटें रिजर्व रखी जा सकती हैं। इसमें एक सीट ओम प्रकाश राजभर के लिए छोड़ी जा सकती है। अगर छोटे सहयोगी दलों से पूरी तरह बात नहीं बनी तो सपा दो और सीटों पर और बसपा एक और सीट पर लड़ सकती है।