प्रवीण दुबे
ग्वालियर से होकर गुजरी भारतीय जनता पार्टी की जन आशीर्वाद यात्रा में पार्टी के दो दिग्गज नेता नरेन्द्र सिंह तोमर और प्रभात झा के पुत्रों ने जिस प्रकार जोरदार शक्ति प्रदर्शन किया उसे देख कर यह कहा जा सकता है कि भारतीय जनता पार्टी के भीतर परिवारवाद के प्रति बदली हुई रणनीति को लेकर नेता पुत्रों के बीच जबरदस्त उत्साह व्याप्त हो गया है और इस बात की संभावना बढ़ गई है कि भारतीय जनता पार्टी नेता पुत्रों की मुराद पूरी कर सकती है।
12 सितंबर को ग्वालियर आई जन आशीर्वाद यात्रा के स्वागत के लिए केंद्रीय मंत्री व भारतीय जनता पार्टी चुनाव संचालन समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमार के पुत्र देवेंद्र प्रताप सिंह रामू भैया और भाजपा के पूर्व सांसद व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे प्रभात झा के पुत्र तुष्मुल झा ने लाखों रुपए के होर्डिंग बैनर व मंच सजाकर इस बात के संकेत दिए कि वह भी चुनाव लड़ने की दौड़ में शामिल है।
वैसे तो भारतीय जनता पार्टी की रीति नीति के अनुसार परिवारवाद को कोई जगह नहीं दी जाती लेकिन मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने प्रत्याशियों की जो पहली सूची जारी की उसमें तकरीबन 6 प्रत्याशी ऐसे थे जो पारिवारिक बैकग्राउंड से आते थे इसके बाद यह चर्चा जोर पकड़ गई कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी ने परिवारवाद को स्वीकार नहीं करने की अपनी पॉलिसी में कुछ शिथिलता बरती है यही वजह है की पार्टी ने परिवार से जुड़े चेहरों को भी प्रत्याशी घोषित किया है।
माना जा रहा है कि भाजपा अब परिवारवाद की क्राइटेरिया पर नरमी बरत रही है, हालांकि इसमें शर्त यह है कि यदि नेता पुत्र सालों से सक्रिय है और क्षेत्र से मांग और जीतने की संभावना है, तो उसे टिकट दिया जाएगा.
नेता पुत्रों को टिकट दिए जाने की संभावना के बाद पार्टी के तमाम दिग्गज नेता और उनके पुत्र चुनाव की दौड़ में शामिल बताए जा रहे हैं मध्य प्रदेश में एक दो नहीं दर्जनों नेता ऐसे हैं जिनके पुत्र राजनीति का दरवाजा लंबे समय से खटखटा रहे हैं ऐसा लगता है बदले हुए परिवेश में इन नेता पुत्रों की किस्मत इस बार जग सकती है। जो नेता पुत्र चुनाव लड़ने की दौड़ में शामिल दिखाई दे रहे हैं उनमें खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुत्र कार्तिकेय सिंह चौहान और भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश चुनाव प्रबंध समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर के पुत्र देवेंद्र प्रताप सिंह तोमर रामू भैया जैसे नेताओं के नाम भी शामिल है आईए देखते हैं उन नेता पुत्रों की सूची जो चुनाव में टिकट मिलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
बावजूद इसके मध्यप्रदेश भाजपा में सत्ता और संगठन दोनो ही के लिए आने वाला चुनाव इस बात को लेकर कड़ी अग्निपरीक्षा साबित होने वाला है कि युवावस्था को प्राप्त हो चुके परिवारजनों और बिना राजनीतिक पृष्ठभूमि के योग्यता की दम पर पार्टी के दरवाजे पर दस्तक दे रहे युवा कार्यकर्ता में से किसे मौका दिया जाए। पार्टी की अग्निपरीक्षा इस बात को लेकर भी होगी कि हमेशा अपने प्रमुख प्रतिद्वंद्वी दल पर परिवारवाद का आरोप लगाने वाला दल स्वंम को इस राजनीतिक बुराई से अछूता रख पाता है या नहीं।
आइये नजर दौडाएं मध्यप्रदेश भाजपा के युवा हो चले नेतापुत्रों पर
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बेटे कार्तिकेय चौहान
नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे देवेंद्र प्रताप सिंह
ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन
गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव
डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा के बेटे सुकर्मिण मिश्रा
तुलसी सिलावट के पुत्र नीतेश सिलावट
विजय शाह के पुत्र दिव्यदत्त शाह
गोविंद राजपूत के पुत्र आकाश
गौरीशंकर बिसेन की पुत्री मौसम बिसेन
प्रभात झा के पुत्र तुष्मुल झा
विवेक शेजवलकर के पुत्र प्रांशु शेजवलकर