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रात भर में ही बदल गई पिक्चर उद्धव के दिल में ही रह गई मुख्यमंत्री बनने की हसरत

राजनीति ने एक बार फिर अपना रंग दिखाया है। पर्दे पर चल रही फिल्म से ज्यादा बड़ी पर्दे के पीछे की पिक्चर हो गई। शिवसेना, एनसीपी, कांग्रेस ताकती रह गईं और भाजपा मुख्यमंत्री की कुर्सी लेकर उड़ गई। 

मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और भाजपा के नेता चंद्रकांत पाटील का दावा सही साबित हुआ। सीएम भाजपा का ही और देवेंद्र फडणवीस बने। उप मुख्यमंत्री की कुर्सी एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार को मिली है। शरद पवार ने भी प्रतिक्रिया दी है। 

उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ जाना अजित पवार का निजी फैसला है। प्रतिक्रिया में भाजपा के एक वरिष्ठ नेता और महासचिव ने कहा कि सरकार बनाई है तो पीछे कोई भरोसा होगा। देखते रहिए सरकार चलेगी और बहुमत भी साबित कर लेंगे।

क्या है शरद पवार का कहना
भतीजे अजित पवार के उपमुख्यमंत्री बनने के बाद शरद पवार ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अजित के भाजपा के साथ जाने को उनका निजी फैसला बताया है। पवार ने कहा कि अजित पवार के इस फैसले से एनसीपी से कोई लेना-देना नहीं है। शरद पवार ने ट्वीट करके यह जानकारी दी है।

पवार कहना चाहते हैं कि अजित पवार ने पार्टी तोड़ दी है। बताते हैं कि पवार ने यही जानकारी शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, अहमद पटेल को दी है। अजित पवार के बारे में कहा जा रहा है कि वह एनसीपी के 22 विधायकों को लेकर भाजपा के साथ चले गए हैं।

क्या शरद पवार ने चाचा को गच्चा दे दिया

राजनीति में कब, कौन, किसे गच्चा दे दे, कहा नहीं जा सकता। इतिहास अपने आपको दोहराता है, बालक सयाने का पिता होता है। एक बार राजनीति में कहावत सही साबित हुई है। शरद पवार ने कभी इसी तरह से गच्चा देकर महाराष्ट्र का युवा मुख्यमंत्री बन कैरियर बनाया था।
अब अजीत पवार ने उसी इतिहास को दोहराया है। कुछ इसी तरह का इतिहास उत्तर प्रदेश में दोहराया गया था, जब पुत्र अखिलेश ने पिता मुलायम सिंह को दरकिनार करते हुए खुद समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया था।

कहीं शरद पवार ने गच्चा तो नहीं दे दिया?

शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत फिर अपने बयानों के साथ मीडिया में आए हैं। उन्होंने बताया कि कल रात तक अजित पवार शिवसेना के नेतृत्व में बनने वाली सरकार के लिए होने वाली बैठक में साथ थे। वह एनसीपी के साथ थे। करीब-करीब हर बैठक में मौजूद थे।

संजय राउत ने यह भी कहा कि अजित पवार कल नजर नहीं मिला पा रहे थे। सुबह होते ही शरद पवार के भतीजे अजित पवार उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने राजभवन पहुंच गए। हालांकि संजय राउत का कहना है कि अजित पवार भाजपा से डर गए थे। उन्होंने शरद पवार को धोखा दिया है। राउत ने कहा अजित पवार ने डाका डाला है।

वैसे कहा जाता है कि शरद पवार पुत्री सुप्रिया सुले को अपना उत्तराधिकार सौंपने की रणनीति पर काम कर रहे थे। यह बात अजित के अनुकूल नहीं थी। बता दें कि अजित पवार और एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल पर आर्थिक मामले में हेरफेर के आरोप हैं। कहा यह भी जा रहा है इसी बात ने उन्हें भाजपा के करीब ला दिया।

रात भर में बदल गई फिल्म

शुक्रवार को महाराष्ट्र में भावी सरकार की घोषणा खुद शरद पवार ने की थी। शरद पवार पहली बार यह घोषणा करने सार्वजनिक तौर पर सामने आए थे। इसके बाद महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार तय मानी जा रही थी।

राजभवन सूत्रों के अनुसार शाम होते-होते राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों की बैठक में शामिल होने से असमर्थता जताई थी और सुबह होते-होते महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने शपथ ग्रहण कर ली।

पर्दे के पीछे चली स्क्रिप्ट

राज्य में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस सरकार बनाने की कोशिशों में लगी थीं। भाजपा भी लगातार दावा ही नहीं कर रही थी, बल्कि सरकार बनाने की कोशिश में भी लगी थी। बताते हैं पर्दे के पीछे इस सबकी स्क्रिप्ट लिखी जा रही थी।

माना जा रहा है शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार बनाने का रोडमैप तैयार कर रहे थे और भाजपा के रणनीतिकार शनिवार को शपथ ग्रहण की स्क्रिप्ट लिख रहे थे। सुबह होते-होते स्क्रिप्ट लिख दी गई। राजभवन ने आनन-फानन में भजपा को सरकार बनाने के लिए बुलाया और शपथ दिला दी।

फिर भी भाजपा को चाहिए 18 विधायक

महाराष्ट्र के गणित में भाजपा के 105 विधायक हैं। एनसीपी के 56 विधायक हैं। अजीत पवार के करीबियों का दावा है कि उनके पास 22 विधायक हैं। इस तरह से 127 विधायक हुए, जबकि बहुमत के लिए 18 विधायकों की जरूरत है। राज्य में 19 निर्दलीय विधायक हैं। माना जा रहा है कि जोड़-तोड़ करके भाजपा राज्य में बहुमत पाने का जुगाड़ कर लेगी।
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