आज बनेंगे मोहन यादव सरकार में मंत्री
जिस शर्त को लेकर कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत ने बीजेपी ज्वाइन की थी अंततः भाजपा नेतृत्व को उसे स्वीकार करना ही पड़ा इसी के चलते अब आज कुछ घंटों बाद श्री रावत भाजपा सरकार के मंत्री बना दिए जाएंगे मजे की बात यह है कि रावत ने जबतक विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दिए जाने की बात नहीं मानी जबतक कि भाजपा ने उन्हें मंत्री बनाए जाने के निर्णय को सार्वजनिक नहीं किया अब राम निवास रावत मंत्री पद की शपथ लेने के पहले सोमवार को विधानसभा की सदस्यता से त्याग पत्र देंगे। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने दो दिन पहले उनकी और निर्मंला सप्रे की सदस्यता समाप्त करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष याचिका प्रस्तुत की थी।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने जा रहे हैं। सोमवार सुबह नौ बजे राजभवन में रामनिवास रावत मंत्री पद की शपथ लेंगे। रामनिवास रावत लोकसभा चुनाव के पहले 30 अप्रैल को कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे। वह श्योपुर जिले की विजयपुर सीट से छठवीं बार विधायक चुने गए हैं।
वह प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे हैं। उनके भाजपा में आने से ग्वालियर-चंबल में पार्टी को मजबूती मिली है। यही वजह है कि प्रदेश से लेकर केंद्रीय नेतृत्व तक रामनिवास रावत के नाम पर पहले ही स्वीकृति दे चुका है। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने रविवार शाम राजभवन में राज्यपाल मंगुभाई पटेल से सौजन्य भेंट कर मंत्रिमंडल विस्तार की जानकारी दी।
दो और विधायकों के मंत्री बनाए जाने की थीं अटकलें
रामनिवास रावत के अलावा दो और विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की अटकलें थीं। इनमें कांग्रेस से भाजपा में आए और अमरवाड़ा विधानसभा सीट से विधायक पद छोड़कर उपचुनाव लड़ रहे कमलेश शाह और बीना से विधायक निर्मला सप्रे शामिल हैं। हालांकि, इनके नामों पर अंतिम निर्णय नहीं हो पाया। बता दें, मंत्रिमंडल में चार मंत्रियों के लिए जगह है। फिलहाल 30 मंत्री हैं और अधिकतम 34 हो सकते हैं।
कांग्रेस से भाजपा में गए तीन विधायकों में कमलेश शाह के बाद सदन की सदस्यता से त्याग पत्र देने वाले वह दूसरे नेता हैं। रावत और सप्रे यह तर्क देते रहे हैं कि उन्होंने भाजपा की सदस्यता ही नहीं ली है, इसलिए इस्तीफा नहीं देंगे। रावत के त्याग पत्र देने से विजयपुर विधानसभा में उप चुनाव होगा।