भोपाल/लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए रामनिवास रावत ने आज कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ले ली है. इस बीच असमंजस की वजह से उन्हें दो बार शपथ लेनी पड़ी. पहली बार उन्होंने राज्य मंत्री के पद की शपथ ली. उसके बाद उन्होंने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली. शपथ लेने से पहले उन्होंने कहा कि कांग्रेस को मैंने नहीं छोड़ा है. मुझे भगाया गया है. कांग्रेस में मेरी उपेक्षा हुई. उस पार्टी में सीनियर की इज्जत नहीं होती. उन्होंने कहा कि हमने मंत्री बनने के पहले ही श्योपुर को जिला का दर्जा दिला दिया. शपथ लेने और विभाग मिलने दीजिए, भविष्य में भी बड़ी प्लानिंग है.
रामनिवास रावत को कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने सलाह दी
एमपी के नए मंत्री रामनिवास रावत को कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने सलाह दी है. तन्खा ने सोशल मीडिया X पर लिखा, ‘राम निवास मैं आपका आदर करता हूं. किस पार्टी के सदस्य रहना चाहते हैं यह आपका निजी डिसिशन है. उचित होता कि आप कांग्रेस विधायक पद से पहले इस्तीफा देते और फिर मंत्री बनते. आप वरिष्ठ विधायक हैं. राजनीतिक शुचिता और संविधान के 10वें शेड्यूल का सम्मान करें.’ गौरतलब है कि रामनिवास रावत का जन्म 21 जनवरी 1960 को सुनवई गांव तहसील विजयपुर में हुआ. रावत के पिता का नाम गणेश प्रसाद रावत और माता का नाम भंती बाई रावत है. रावत का व्यवसाय खेती किसानी है.
रावत ने जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर से बीएससी, एमए (इतिहास-गोल्ड मेडलिस्ट), एलएलबी तक शिक्षा ली है. रावत पहली बार 1988 में कृषि उपज मंडी समिति विजयपुर के अध्यक्ष बने. साल 1990 में मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए चुनाव लड़े और निर्वाचित हुए. इसके बाद हाल ही में उन्होंने साल 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ा और जीते. 6 बार के विधायक रावत दिग्विजय सिंह मंत्रिमंडल में मंत्री भी रह चुके हैं.