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वक्फ की संपत्तियों से करोड़ों की अनैतिक धन उगाही करने वाले बिगाड़ रहे देश का माहौल: कुरैशी

ग्वालियर/ वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को लेकर मुसलमानों के बीच बेवजह का झूठ फैलाया जा रहा है कि उनकी मस्जिदें और मदरसे छिन जाएंगे। यह झूठ फैलाने वाले वो लोग हैं जो वक्फ की संपत्तियों पर कब्जा किए बैठे हैं और उससे करोड़ों की कमाई कर खुद का भला करने में लगे हैं। वक्फ संशोधन को लेकर ऐसे ही लोगों के पेट में मरोड़ उठ रही है।

यह बात वरिष्ठ अभिभाषक और भारत फस्र्ट संगठन के राष्ट्रीय संयोजक शीराज कुरैशी ने राष्ट्रोत्थान न्यास भवन ग्वालियर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रचार विभाग ग्वालियर के स्वयंसेवक पत्रकार मासिक मिलन में कही। श्री कुरैशी मिलन कार्यक्रम में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 विषय पर मुख्यवक्ता के रूप में बोल रहे थे, वे इसी विषय को लेकर गठित जेपीसी में 20 सितंबर को अपना पक्ष रखने दिल्ली जाएंगे।

उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन बिल का तथाकथित मुस्लिम नेता यह कहकर विरोध कर रहे हैं कि वक्फ संशोधन बिल से उनकी मस्जिदें और मदरसे छीन लिए जाएंगे जबकि सच्चाई यह है कि संशोधन बिल 2024 भारत में लाना बहुत जरूरी है, क्योंकि वर्तमान वक्फ अधिनियम 1995 में दिए गए प्रावधान वक्फ जायदाद को सुरक्षित रखने में नाकाफी हैं। साथ ही वर्तमान अधिनियम 1995 से वक्फ बोर्ड को असीमित शक्तियां प्राप्त हंै जिसके द्वारा वह किसी भी संपत्ति को वक्फ की संपत्ति घोषित करने में पीछे नहीं हटता है। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचार प्रमुख डॉ. निशांत शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक डॉ. सुरेश सम्राट सहित बड़ी संख्या में पत्रकार ,लेखक उपस्थित थे।

बिना सहमति वक्फ की संपत्ति घोषित करना अन्याय

श्री कुरैशी ने कहा कि भारत जैसे देश में संपत्ति पर आसीन व्यक्ति की सहमति या मर्जी खुद की घोषित करना सरासर गलत है। अभी तक तमाम मामलों में यह सामने आ चुका है कि वक्फ मनमाने तरीके से किसी भी संपत्ति पर अपना आधिपत्य जमा देता है और वक्फ में प्रावधान किए गलत अधिकारों के सहारे बिना किसी कागजी कार्रवाई और सहमति के वक्फ की घोषित कर देता है जो सरासर अन्याय है। इस कारण इसमें संशोधन जरूरी है।

मुस्लिम कानून की पुस्तकों का ही विरोधी बना वक्फ

शीराज कुरैशी ने मुस्लिम कानून की किताब जो की प्रसिद्ध लेखक मुल्ला द्वारा लिखी गई है से कई उद्धरण प्रस्तुत करते हुए बताया कि वक्फ कभी भी बिना वाकिफ यानी की संपत्ति के मालिक की अनुमति के वक्फ अधिकार घोषित नहीं किया जा सकता है जिससे सिद्ध होता है कि वक्फ अधिनियम के प्रावधान असली हदीस से बिलकुल विपरीत है।

मिल रही हैं धमकियां

श्री कुरैशी ने कहा कि उन जैसे तमाम राष्ट्रीय सोच वाले मुसलमान इस संशोधन के साथ हैं, लेकिन कट्टरवादी मुस्लिमों को यह अच्छा नहीं लग रहा है। उन्होंने कहा कि ये ताकतें सोशल मीडिया सहित अन्य माध्यमों से उन्हें धमकाने में जुटी हैं और उनके सामने सुरक्षा का खतरा पैदा हो गया है।

संशोधन में उचित है गैर मुस्लिम का नियुक्त होना

संशोधन के लागू होने पर बोर्ड में गैर मुस्लिम के नामित होने पर मचाए जा रहे बवाल को भी श्री कुरैशी ने गलत बताते हुए कहा कि गैर मुस्लिम सदस्यों का होना वक्फ प्रबंधन की पारदर्शिता और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करेगा।

उच्च प्रशासनिक अधिकारी की नियुक्ति का विरोध गलत

उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी यानी जिलाधीश का हस्तक्षेप भी वक्फ की जायदाद के प्रबंधन में होना वक्फ के हित में ही होगा, क्योंकि कलेक्टर अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए वक्फ पर हुए अवैध अतिक्रमणों को मुक्त करा सकता है तथा वक्फ की जायदाद की उचित रूप से रक्षा की जा सकेगी।

कुरैशी 20 को जेपीसी में रखेंगे अपना पक्ष

शीराज कुरैशी 20 सितंबर को दिल्ली में वक्फ संशोधन बिल 2024 के लिए गठित जेपीसी के सामने भारत फस्र्ट संगठन के राष्ट्रीय संयोजक के रूप में इस बिल के समर्थन में अपना पक्ष रखेंगे। उल्लेखनीय है कि भारत फस्र्ट से बड़ी संख्या में राष्ट्रीय विचारों के समर्थक मुसलमान जुड़े हुए हैं और यह संगठन पुरजोर ढंग से वक्फ संशोधन बिल 2024 का समर्थन कर रहा है।

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