गुरुवार को संसद में पुराने वक्फ कानूनों में बदलाव के लिए वक्फ संशोधन बिल 2024 पेश कर दिया गया. बिल को केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने पेश किया. जैसे ही ये बिल पेश किया गया वैसे ही सदन में विपक्ष का जोरदार हंगामा देखने को मिला। बिल का विपक्ष ने विरोध किया. बिल पेश होते ही सदन में जोरदार हंगामा हुआ रिजूजी ने इसपर अपनी बात रखी और हंगामे के चलते उन्होंने बिल को जेपीसी अर्थात संयुक्त संसदीय समिति में ले जाने की बात कही ।
शुरुआत में इस बिल को लेकर पहले से ही विवाद खड़ा हो गया . ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जैसी संस्थाओं और एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार के इस कदम पर कड़ा विरोध जताया है. बिल के ज़रिए 1995 और 2013 के वक्फ कानूनों में संशोधन किया गया है. इस बिल में 1995 के वक्फ कानून का नाम बदलकर Unified Waqf Management , Empowerment, Efficiency and Development Act 1995 रखा गया है. बिल के ज़रिए पुराने कानूनों में क़रीब 40 बदलाव किए गए. बिल में कहा गया है कि 1995 और 2013 के कानूनों के बावजूद राज्य वक्फ बोर्ड के कामकाज में कोई ख़ास सुधार देखने को नहीं मिला है और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और संचालन में पारदर्शिता का अभाव है.ध
उधर किरेन रिजिजू ने कहा कि किरेन रिजिजू ने कहा, “बहुत सारे सांसद आकर मुझसे इस बारे में बात कर रहे हैं और कह रहे हैं कि वो इस संशोधन का समर्थन करते हैं लेकिन पार्टी इसका विरोध कर रही है”. उन्होंने कहा, “मैं नाम नहीं लूंगा कि कौन-कौन से सांसद ने मुझसे आकर कहा है कि वो अंदर से इस संशोधन का समर्थन करते हैं.”
विपक्ष वोट बैंक के चलते बिल के खिलाफ है. वक्फ का इंफ्रास्ट्रक्चर सही नहीं था. इसे ठीक किया गया है. वक्फ बोर्ड पर माफियाओं का कब्जा है. देश में कोई भी कानून संविधान से ऊपर नहीं है.
इससे पूर्व अखिलेश यादव के वक्तव्य पर अमित शाह भड़क गए यादव ने कहा मैंने सुना है अध्यक्ष महोदय कुछ अधिकार आपके भी छीने जा रहे हैं..’ इस पर गृह मंत्री अमित शाह, बोले ‘इस तरह की गोल-मोल बात आप नहीं कर सकते हैं.