ग्वालियर /बजरंगदल के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व भाजपा के वरिष्ठ नेता जयभान सिंह पवैया अयोध्या प्रकरण को लेकर गठित CBI विशेष अदालत में सुनवाई हेतु आज सड़क मार्ग से लखनऊ रवाना हुए। वे शुक्रवार 12 जून को अदालत में प्रस्तुत होंगे।
उल्लेखनीय है की विशेष अदालत (Special Court) में विवादित ढांचा ध्वंस मामले की बीते गुरुवार को सुनवाई शुरू हो चुकी है। इस मामले में श्री पवैया सहित 32 आरोपियों में शामिल भाजपा (BJP) से पूर्व सांसद रहे राम विलास वेदांती (Former MP Ram Vilas Vedanti) और पूर्व सांसद विनय कटियार (Vinay Katiyar) । कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती सहित सभी आरोपितों प्रश्न पूछे जाएंगे, जिनका उत्तर सभी आरोपितों को देना होगा।
सीबीआई (CBI) की ओर से पेश 354 गवाहों का बयान दर्ज कराने के बाद अगली कार्रवाई के लिए अदालत (Court) ने आरोपितों का बयान दर्ज करने के लिए एक हजार से अधिक सवालों की सूची तैयार की हैं। यह सभी सवाल मुकदमे की कार्यवाही एवं विचरण के दौरान गवाह एवं पेश किए गए दस्तावेजों पर आधारित हैं। न्यायिक प्रक्रिया (Judicial Process) के अनुसार अदालत के पीठासीन अधिकारी द्वारा (धारा 313 द.प्र.स. के अंतर्गत) बयान दर्ज करने के लिए आरोपितों से प्रश्न पूछे जाते हैं और उन्हेंं प्रश्नों का जवाब देना होता है।
सीबीआई द्वारा आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह (Former CM Kalyan Singh), उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, पवन पांडे, बृजभूषण शरण सिंह, सतीश प्रधान, विनय कटियार, डॉ.रामविलास वेदांती, चंपत राय, महंत नृत्य गोपाल दास, महंत धर्मदास, स्वामी साक्षी महाराज एवं तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट आरएन श्रीवास्तव सहित 32 लोगों के विरुद्ध मुकदमा चल रहा है। वहीं अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, विष्णु हरि डालमिया, मोरेश्वर सावें, महंत अवैद्यनाथ, महामंडलेश्वर जगदीश मुनि महाराज, वैकुंठ लाल शर्मा, परमहंस रामचंद्र दास, डॉ. सतीश नागर, बालासाहेब ठाकरे, तत्कालीन एसएसपी डीबी राय, रमेश प्रताप सिंह, महत्यागी हरगोविंद सिंह, लक्ष्मी नारायण दास, राम नारायण दास एवं विनोद कुमार बंसल की मृत्यु हो चुकी है।
बता दें कि उच्च न्यायालय (High Court) के निर्देश पर विशेष अदालत में प्रतिदिन सुनवाई की जा रही है। आगामी 31 अगस्त को निर्णय सुनाया जाना है। न्यायालय पत्रावली के अनुसार इस मामले में छह दिसंबर 1992 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सीबीआई में विवेचना के उपरांत 48 लोगों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया था