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वीडियो :स्तंभ लेखक देशहित में प्रामाणिकता और समर्पण भाव से करें लेखन: शर्मा

मामा माणिकचंद वाजपेयी स्मृति स्तम्भ लेखक सम्मान एवं संवाद कार्यक्रम आयोजित

ग्वालियर/ मामा माणिकचंद वाजपेयी ने सीमित साधनों में समर्पण के साथ अपने विचारों का प्रचार प्रसार किया था। स्तंभ लेखक प्रामाणिकता, समर्पण, निस्वार्थता और जुनून के साथ देशहित में लेखन कर नैरेटिव तैयार करें।
यह बात शिक्षाविद् एवं नेशनल बुक ट्रस्ट ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष डॉ. गोविंद प्रसाद शर्मा ने लेखक, चिंतक और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक स्व.माणिकचंद वाजपेयी उपाख्य मामाजी की स्मृति में आयोजित स्तम्भ लेखक सम्मान एवं संवाद समारोह में मुख्य वक्ता की आसंदी से कही। मामा माणिकचंद वाजपेयी स्मृति सेवा न्यास, ग्वालियर द्वारा राष्ट्रोत्थान न्यास भवन के विवेकानंद सभागार में रविवार को आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलसचिव अरुण सिंह चौहान थे। अध्यक्षता न्यास के सचिव राजेश शुक्ला ने की। मुख्य वक्ता श्री शर्मा ने कहा कि मामाजी सर्वव्यापी और सर्वग्राही व्यक्तित्व के धनी थे। विरोधी पार्टी के लोग भी उनका सम्मान करते थे। उन्होंने राष्ट्रीय विचारों को बढ़ावा देने के लिए ध्येयनिष्ठता के साथ पत्रकारिता की।

उन्होंने कहा कि स्तम्भ लेखक समाज में नैरेटिव तैयार करता है। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत में मतदान बढ़ाने के लिए पिछली बाइडन सरकार पर 21 मिलियन डालर खर्च पर सवाल उठाए थे। वहीं जो पत्रकार मोदी सरकार की नीतियों की प्रशंसा करते है तो उन पर विरोधी पक्ष के लोग गोदी मीडिया कहकर तंज कसते हैं। इससे जाहिर है कि नैरेटिव का समाज पर बहुत असर पड़ता है। इसलिए स्तंभ लेखक समाज और राष्ट्रहित में लेखन कर नैरेटिव तैयार करें।

कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों का परिचय प्रवीण दुबे ने एवं स्वागत दिलीप मिश्रा, आलोक बंधु श्रीवास्तव, ब्रजमोहन शर्मा, दीपक सोनी, मनीष मांझी ने किया। कार्यक्रम की प्रस्तावना राजेश वाधवानी ने रखी। कार्यक्रम का संचालन वंदना सेन एवं आभार कार्यक्रम संयोजक मनीष मांझी ने व्यक्त किया।

समाज में लाएं सकारात्मक बदलाव

मुख्य अतिथि श्री चौहान ने लेखकों से पर्यावरण और जल संरक्षण पर लेख लिखने का आह्वान करते हुए आयोजकों से इस तरह के कार्यक्रमों की जानकारी शहर के शैक्षणिक संस्थानों को देकर युवाओं को प्रेरित करने का सुझाव दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्री शुक्ला ने मामा माणिकचंद वाजपेयी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए लेखकों से अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का आग्रह किया।

इनका हुआ सम्मान

प्रतियोगिता में चयनित आलेखों में प्रथम स्थान वरिष्ठ स्तम्भकार प्रवीण गुगनानी (बैतूल), द्वितीय डॉ. वंदना गांधी (भोपाल), तृतीय डॉ.नीलम महिंद्रा, विशिष्ट स्थान रमेश शर्मा ने प्राप्त किया। वहीं नवोदित स्तम्भकारों की तात्कालिक प्रतियोगिता में प्रथम स्थान डॉ.दीप्ति गौड़, द्वितीय व्याप्ति उमड़ेकर एवं तृतीय स्थान ऋषिकेश बौहरे ने हासिल किया। सभी विजेताओं को अतिथियों ने सम्मानित किया।

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