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वीर बाल दिवस पर आधारित  कार्यक्रम “सफर-ए -शहादत” का आयोजन 16 फरवरी रविवार को

ग्वालियर /म.प्र. संस्कृति विभाग, म.प्र. “पंजाबी साहित्य एकदमी भोपाल” और  “सिक्ख फोरम ग्वालियर-चंबल संभाग” द्वारा वीर बाल दिवस पर आधारित  कार्यक्रम “सफर-ए -शहादत” का आयोजन 16 फरवरी रविवार को  ग्वालियर के IITTM  सभागार  में दोपहर 1 से 4 बजे तक  किया गया है।
 जिसमें प्रवेश निःशुल्क है और इसमें सिक्ख समाज के अलावा अन्य सभी समाज के लोग व स्कूलों के बच्चे भी दर्शक श्रोता के रूप में उपस्थित रहेगें।
यह जानकारी आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए सिक्ख फोरम ग्वालियर चंबल क्षेत्र के संयोजक डॉ. ए.एस. भल्ला व अन्य पदाधिकारी गणों ने दी। उन्होंने बताया कि सफर-ए -शहादत अपने आप में ही स्वं  बयां  कर रही है कि सिक्ख इतिहास शहादते बलिदान सिक्ख धर्म की नींव है जिसको अलग  से बयान करना असंभव है।
उन्होने बताया कि यह सफर शुरू होता है 5वें गुरू श्री गुरू अर्जन देव जी से जिनकों गर्म तवे पर बिठा कर शहीद किया गया।
 इनके बाद 9 वें  गुरू श्री गुरुतेग बहादुर साहिव जी (गुरू गोबिन्द सिंह जी के पिता) ने कश्मीरी पंडितों तथा हिन्दु धर्म को बचाने के लिये उन पर हो रहे अत्याचार से अत्याचारी  मुगल शासक औरंगजेब के शासनकाल में दिल्ली में अपनी शहादत दी तथा उनके तीन शिष्यों माई मतीदास, भाई सतीदास जी एवं भाई दयाला जी को उबलते पानी के देग में. रूई में लपेटकर जिंदा जलाकर एवं आरे से चीरा  गया और शहीद किया।
उन्होंने बताया कि आज हम जिस आयोजन की याद ताजा कर रहे है वह मुगल शासकों के अत्याचारों के  इतिहास को प्रमाणित करता है इसमें  10 वें  गुरू श्री गुरू गोविन्द साहिब  जी के चार साहिबजादे जिन्हे  जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही 16 व 15 वर्ष के बाबा अजीत सिंह जी व जुझार सिंह जी मैदाने जंग में लड़ते हुये शहीद हुये तथा 7 व 9 वर्ष के बाबा फतेह सिंह व बाबा जोरावर सिंह जी को दीवार में जिन्दा चिनवा कर शहीद किया तथा माता गुजरी जी को उन्हें कड़कड़ाती ठंड में किले की बुर्ज में कैद कर शहीद किया।
इस प्रकार  गुरू गोबिन्द सिंह जी ने अपना पूरा परिवार ही देश धर्म की खातिर कुर्बान किया। भारत के इतिहास में यह एक अनूठा एंव अद्वितीय उदाहरण  है जो बेमिसाल है।
इन्हीं की याद को चिरस्थायी एंव प्रेरणा पुंज बनाने हेतु माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा से प्रतिवर्ष 26दिसंबर  “वीर  वाल दिवस” के रूप में   मान्यता व स्वीकृति दी गई है।
उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य इस घटना को नाट्य रूप (लाईट एवं साउण्ड) में आपके व ग्वालियर वासियों के समक्ष प्रस्तुत करने का प्रयास  है जिसका उद्देश्य विरासत को याद रखना है जिससे  वर्तमान युवा पीढ़ी इसको देख  आदर्श बलिदान से प्रेरणा ले  और धर्म व देश की रक्षा के लिये प्रेरित हो।
उन्होंने यह भी कहा की हम सभी चाहेगें कि इस  महत्वपूर्ण शहादत को स्कूल के पाठ्यक्रम में भी शामिल करने के लिए  सरकार कार्यवाही  करे जिससे हमारी नई पीढ़ी इससे अवगत हो।
इसी इतिहास को जीवंत करने के लिये दिनांक 16 फरवरी 2025. रविवार को म.प्र. संस्कृति विभाग के म.प्र. “पंजाबी साहित्य एकदमी भोपाल” के साथ मिलकर “सिक्ख फोरम ग्वालियर-चंबल संभाग” द्वारा वीर बाल दिवस पर आधारित एक कार्यक्रम “सफर-ऐ-शहादत” का आयोजन IITTM के समागर में दोपहर 1 से 4 बजे तक  किया गया है जिसमें प्रवेश निःशुल्क है और इसमें सिक्ख समाज के अलावा अन्य सभी समाज के लोग व स्कूलों के बच्चे भी दर्शक श्रोता के रूप में उपस्थित रहेगें।
कार्यक्रम में आने वाले दर्शकों के लिये निःशुल्क बस व्यवस्था निम्न स्थानों से उपलब्ध रहेगी।
समाधिया कॉलोनी प्रातः 11:45, रतन कॉलोनी प्रातः 11:45. आनंद नगर प्रातः 11:30, सेवा नगर प्रातः 11:30. महाराजपुरा प्रातः 11:30, नाका चन्द्रबदनी प्रातः 11:30, सिन्धी कॉलोनी प्रातः 11:30 एवं भितरवार प्रातः 9:30 बजे। (सम्पर्क मो. 9329351313) पत्रकार वार्ता में  मध्य प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष सिख फॉर्म के अध्यक्ष डॉक्टर ए एस भल्ला, पंजाबी साहित्य अकादमी की पूर्व निदेशक नीरू ज्ञानी के अलावागुरुदयाल सिंह, गोविंद राम सिंह, हरविंदर सिंह, गुरुशरण सिंह रणदीप सिंह, अमन खत्री सहित
कई प्रमुख समाजसेवी  उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री को दिया धन्यवाद 
सिक्ख फोरम ग्वालियर चंबल संभाग ने  मध्यप्रदेश द्वारा मुरैना रोड़ पर पुरानी छावनी में नवनिर्मित नगर द्वार का नाम सिक्खों के छठवें गुरु श्री हरगोबिन्द साहब जी के नाम पर “दाता बंदी छोड़ द्वार” रखने की घोषणा पर मुख्यमंत्री मोहन यादव के प्रति आभार व्यक्त किया है।
सिक्ख फोरम ग्वालियर चंबल संभाग ने कहा कि आज हम अपने मध्यप्रदेश के युवा, यशस्वी व धर्मप्रेमी मुख्यमंत्री माननीय श्री मोहन यादव जी को ग्वालियर चंबल संभाग ही नहीं पूरे देश की सिक्ख संगत की तरफ से धन्यवाद देना चाहेंगे कि उन्होनें मुरैना रोड़ पर पुरानी छावनी में नवनिर्मित नगर द्वार का नाम सिक्खों के छठवें गुरु श्री हरगोबिन्द साहब जी के नाम पर “दाता बंदी छोड़ द्वार” रखने की घोषणा आज  मुख्यमंत्री जी ने स्वंय की है इस पवित्र कार्य के लिये “सिक्ख फोरम ग्वालियर चंबल क्षेत्र” व क्षेत्र की जनता काफी समय से प्रयासरत थी। इस पुनीत कार्य को सफल बनाने में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ  के वरिष्ठ अधिकारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। साथ ही माननीय नरेन्द्र सिंह तोमर जी अध्यक्ष म.प्र. विधानसभा, मा. श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी केन्द्रीय मंत्री, मा. श्री भारत सिंह कुशवाह जी सांसद ग्वालियर एंव स्थानीय अधिकारियों ने भी विशेष सहयोग किया। सिक्ख फोरम व समस्त सिक्ख संगत सभी का हृदय से आभार प्रकट करती है और वाहेगुरू से उनके उज्जवल भविष्य की प्रार्थना करते है।
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