एक तरफ जहां शारदीय नवरात्रि के पहले साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगा था वहां अब दशहरे के बाद साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है. यह आखिरी चंद्र ग्रहण शरद पूर्णिमा के दिन लगेगा. इस तरह से अक्टूबर का महीन त्योहारों के साथ ही ग्रहण के नजरिए से बहुत ही खास है. पंचांग के अनुसार आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि पर साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगेगा.
28 अक्टूबर को भारत में ग्रहण की शुरुआत मध्य रात्रि 01:05 बजे से होगी. मध्य रात्रि 02:24 बजे तक ग्रहण रहेगा. चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण शुरू होने से ठीक 9 घंटे पहले से शुरू हो जाता है और ग्रहण खत्म होने के साथ सूतक भी खत्म हो जाता है. चंद्र ग्रहण के समय दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है. अगर इस दौरान राशि अनुसार दान किए जाए तो कुंडली के कई दोषों का असर कम हो सकता है. 28 अक्तूबर को लगने वाला चंद्रग्रहण भारत में दिखाई देगा जिस कारण से इसका सूतक काल मान्य रहेगा.
इस बार साल के दूसरे चंद्र ग्रहण का सूतक 28 अक्टूबर की दोपहर 4:05 मिनट से शुरू हो जाएगा. सूतक काल को अशुभ माना जाता है. जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है तब चंद्र ग्रहण लगता है. वैज्ञानिक नजरिए से ग्रहण एक खगोलीय घटना मात्र होता है, लेकिन धार्मिक दृष्टि से ग्रहण की घटना को शुभ नहीं माना जाता है. चंद्र ग्रहण को चंद्रमा के ग्रहण के रूप में जाना जाता है. 28 अक्टूबर को दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है
भारत में ये ग्रहण दिखाई देगा. इस वजह से इसका सूतक रहेगा. सूतक के समय में मंदिर बंद रहते हैं और सभी तरह की पूजा-पाठ वर्जित रहती है.
भारतीय समय के अनुसार साल के इस आखिरी ग्रहण की शुरुआत शनिवार 28 अक्टूबर को मध्य रात्रि 01:05 मिनट से होगी जो मध्य रात्रि 02:24 मिनट पर खत्म हो जाएगा. शनिवार 28 अक्टूबर को सूतक काल दोपहर4:05 मिनट से शुरू हो जाएगा.