भोपाल। मध्य प्रदेश भारत का अकेला ऐसा राज्य है जहां मंत्रिमंडल नहीं लेकिन मुख्यमंत्री के साथ सत्ता संचालन के लिए विभागों के प्रमुख सचिव बैठते हैं। साफ है इन दिनों मध्यप्रदेश में नोकरशाही की बल्ले बल्ले है। मध्यप्रदेश के 23 जिलों में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज मिले हैं। स्थिति को कंट्रोल करने के लिए फटाफट फैसले जरूरी है और इसके लिए प्रभारी मंत्री का होना जरूरी है लेकिन मध्यप्रदेश में तो मंत्री है ही नहीं इसलिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 10 IAS अफसरों को मध्य प्रदेश के 52 जिलों का प्रभार सौंप दिया।
इंदौर, भोपाल तथा उज्जैन मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस के पास है। इनके अलावा भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी
श्री मनु श्रीवास्तव को श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया तथा ग्वालियर,
श्री नीरज मंडलोई को बैतूल, होंशगाबाद, हरदा, तथा सीहोर,
श्रीमती रश्मि अरूण शमी को रतलाम, शाजापुर, आगर, मदसौर तथा नीमच,
श्रीमती दीपाली रस्तोगी को धार, अलीराजपुर, झाबुआ, खरगोन, बडवानी तथा बुरहानपुर,
श्री नितेश ब्यास को सागर, दमोह, पन्ना ,छतरपुर टीकमगढ तथा निवाडी,
श्री डी.पी. आहूजा को जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, खंडवा तथा छिंदवाडा,
श्री मुकेश गुप्ता सिवनी, मंडला, डिंडौरी तथा बालाघाट,
श्री पवन शर्मा को देवास, रींवा, सिंगरौली, सीधी तथा सतना,
श्री कवीन्द्र कियावत को गुना, अशोकनगर, उमरिया, शहडोल तथा अनूपपुर एवं
श्री बी.चंदशेखर को रायसेन, राजगढ,विदिशा तथा शिवपुरी जिले आवंटित किये गये है।