श्रमवीर सम्मान समारोह की 24वीं कड़ी में मेहनतकश मजदूरों, कामगारों को किया गया सम्मानित
ग्वालियर / वरिष्ठ भाजपा नेता और लोकप्रिय समाजसेवी स्व. पातीराम जैन की 24 वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा और श्रमवीर सम्मान समारोह का आयोजन शुक्रवार की सुबह आयोजित हुआ। इस अवसर पर आयोजित श्रमवीर सम्मान समारोह की 24वीं कड़ी में मेहनतकश मजदूरों, कामगारों को सम्मानित किया गया
श्रद्धांजलि सभा में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व सांसद विवेक नारायण शेजवलकर उपस्थित थे जबकि मुख्य वक्ता व विशिष्ट अतिथि के रूप में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष गंगाराम बघेल, पूर्व विधायक घनश्याम पिरौनिया, पूर्व निगम सभापति लालजी जादौन एवं मप्र चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल मंचासीन थे।
सभा में पूर्व सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने अपने भावपूर्ण उदबोधन में स्व. पातीराम जैन को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि आज हम भाजपा का जो विहंगम वटवृक्ष स्वरूप देख रहे हैं वह स्व. पातीराम जैसे तपोनिष्ठ व कर्मठ दिवंगत कार्यकर्ताऔ और नेताओं के दिन रात के परिश्रम का ही सुफल है। उन्होंने कहा कि स्व. पातीराम जी ने कर्मठता, लगन, ईमानदारी व ध्येय के प्रति समर्पण भाव जैसे गुणों के चलते संगठन को सफलता की बुलन्दी पर पहुंचाया और समाज के कमजोर वर्ग की सेवा में भी जुटे रहे। उन्होंने स्मरण करते हुए कहा कि स्व पातीराम उनके पिता स्व. नारायण कृष्ण शेजवलकर के सहयोगी एवं मित्र थे, इस नाते हमारे उनसे पारिवारिक संबन्ध थे।
पूर्व विधायक घनश्याम पिरौनिया ने संस्मरण सुनाते हुए कहा कि वे जब संघ में विस्तारक व प्रचारक के रूप में काम करने के बाद भाजपा में लौटे, तो उन्हें पार्टी में वरिष्ठ अभिभावक व संरक्षक के रूप में स्व. श्री पातीराम जी जैन के मार्गदर्शन में काम करने का सुअवसर मिला। पिरोनिया ने पुरानी यादों में खोते हुए बताया कि 94 की निगम परिषद में स्व. पातीराम जी ने किस तरह अल्पमत में होते हुए कांग्रेस की साजिश को नाकाम करते हुए स्व. अरुणा सैन्या जैसी कमजोर दलित वर्ग की महिला को महापौर बनवाने में अहम भूमिका निभाई।
पूर्व निगम सभापति गंगाराम बघेल ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि श्री पातीराम जी प्रखर राजनेता होने के साथ सच्चे जनसेवक भी थे। उनका मानना था कि मजदूर के बिना कभी सर्वांगीण विकास नहीं हो सकता। उन्होंने छोटे कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाया। ग्वालियर निगम के पूर्व सभापति बिजेंद्र सिंह जादौन लालजी ने नमन करते हुए कहा कि 83 की निगम परिषद में वे जब पहली बार पार्षद बने, तभी स्व. पातीराम जी एल्डरमैन बनकर परिषद में आसीन हुए थे। वे अनुभव, सेवा व कर्मठता में तपे व्यक्तित्व थे और उन्हें सदैव उनका मार्गदर्शन मिला। चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने अपने संबोधन में बताया कि स्व. पातीराम जी की प्रथम पुण्यतिथि पर 21 जून 2001 से मजदूर सम्मान समारोह का क्रम प्रारंभ हुआ। स्व. बैजनाथ शर्मा जी के सुझाव पर इसे श्रमवीर सम्मान समारोह के रूप में परिवर्तित किया गया। उन्हीं की स्मृति में हॉस्पीटल रोड पर पौधरोपण कर इस मार्ग को वृक्षों से आच्छादित किया गया है।
समारोह में इससे पूर्व अचलेश्वर् न्यास के पूर्व अध्यक्ष हरीदास अग्रवाल, हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. जयवीर भारद्वाज एवं वरिष्ठ समाजवादी चिंतक शेखर जैन ने स्व. श्री पातीराम जी के साथ कार्य करते समय हुए रोचक प्रेरणादायी अनुभव सुनाए।
कार्यक्रम का संचालन कर रहे मदद संस्था के अध्यक्ष निर्मल कुमार जैन ने बताया कि आपातकाल में स्व. पातीराम जी ढाई साल तक जेल में रहे लेकिन वे विपरीत परिस्थितियों में भी हिम्मत न हारते हुए संघर्षपथ पर डटे रहते थे। उनसे काफी कुछ सीखा जा सकता था। कार्यक्रम में सैकड़ाें की संख्या में सुधी नागरिक, कार्यकर्ता, समाजसेवी मौजूद थे। इस दाैरान अन्य नेताओं ने भी कार्यकर्ताओं काे संबाेधित किया।
सम्मानित किए गए ये श्रमवीर
स्व. पातीराम जैन एक राजनेता एवं समाजसेवी होने के साथ ही सफल उद्यमी भी थे और अपनी सफलता का श्रेय मजदूरों, कामगारों को देते हुए समाज के इस परिश्रमी वर्ग के प्रति अत्यधिक आत्मीय लगाव रखते थे, लिहाजा मदद संस्था की ओर से रेडिएंट स्कूल, नया बाजार परिसर में उनकी पुण्य तिथि पर आज आयोजित श्रमवीर सम्मान समारोह में कर्मठ मजदूरों, श्रम वीरों, कामगारों को सम्मान निधि, शॉल, प्रशस्ति पत्र भेंटकर समाज के प्रति उनके द्वारा की जा रही सेवाओं के लिए कृतज्ञता व्यक्त की गई। सम्मानित होने वाले श्रमवीरो, कामगारों में पप्पू आदिवासी पारदी, बसंती आदिवासी, राकेश चतुर्वेदी, सुमन वाल्मीकि, अरवाज खान, नरेंद्र माहौर शामिल थे।
इनकी रही उपस्थिति
श्रमवीर सम्मान समारोह में शिरकत कर स्व. श्री पातीराम जैन के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने वालों में चेंबर के मानसेवी सचिव दीपक अग्रवाल, अशोक बाँदिल, संजय कट्ठल, पारस जैन, अशोक गेंडा,बसंत अग्रवाल, संजय चुग, रमेश चन्द्र गोयल लल्ला, घनश्यामदास गुप्ता, महेंद्र जैन, महेंद्र अग्रवाल, हेमन्त शर्मा, तीरथ मिश्रा, संतोष जैन, मोहन छिरौल्या, नरेंद्र छिरौल्या, पवन गणफुले, पत्रकार प्रवीण दुबे, मंगेश अग्रवाल, उमेश साहू, बदन सिंह कौरव, आशीष अग्रवाल आदि प्रमुख थे।