–समन्वय शाखा का वार्षिकोत्सव आयोजित
-स्वयंसेवकों ने किए शारीरिक प्रदर्शन
ग्वालियर/ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा यदि गंगा है, तो उसके आसपास का क्षेत्र भारतीय संस्कारों से ओतप्रोत दिखना चाहिए। यह कार्य समाज के साथ मिलकर संघ के स्वयंसेवकों को करना है। इसके लिए समाज में गौरव बोध जगाने की आवश्यकता है।
यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्य क्षेत्र के क्षेत्र कार्यकारिणी सदस्य यशवंत इंदापुरकर ने सरस्वती शिशु मंदिर नदी द्वार पर आयोजित समन्वय शाखा के मिलन वार्षिकोत्सव में मुख्य वक्ता की आसंदी से कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध व्यवसायी पीताम्बर लोकवानी ने की। संघ के ग्वालियर विभाग संघचालक प्रहलाद सबनानी भी मंचासीन रहे। इससे पूर्व इस वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में संघ के आनुषांगिक संगठनों में कार्यरत विविध संगठनों के स्वयंसेवकों ने बहुत ही अनुशासन के साथ योग और व्यायाम का शारीरिक प्रदर्शन किया।
मुख्य वक्ता श्री इंदापुरकर ने स्वयंसेवकों संबोधित करते हुए कहा कि हमें यदि संघ को समझना है तो संगठन गढ़े चलो… का भाव जगाना होगा, क्योंकि देश के पतन का कारण संगठन का अभाव ही था। संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार जी ने संगठन की आवश्यकता को समझते हुए ही संघ की स्थापना की थी। आज संघ की स्थापना को सौ वर्ष हो गए, लेकिन इसका प्रचार नहीं करना है। सेवा कार्य करना है। हमें कोई बड़ा कार्य नहीं करना है, छोटे- छोटे कार्यों के माध्यम से समाज की सेवा करना है। हमारा भारत कैसा हो, हमारा खानपान कैसा हो, हमारा पहनावा कैसा हो, इसका गौरव बोध हम सभी को अपने अंदर और फिर समाज के अंदर जगाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आज संस्कार के अभाव के चलते युवाओं में एक डर का वातावरण बना हुआ है। जिसके कारण युवा दिशाहीन होता जा रहा है। इस दिशाहीनता को समाप्त करने के लिए हमको संस्कार देना होगा।
कार्यक्रम में विभाग संघचालक प्रहलाद सबनानी ने समन्वय शाखा का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री लोकवानी ने समाज से आग्रह करते हुए कहा कि हम सभी को देश के प्रति अपना कर्तव्य बोध जगाने की आवश्यकता है। इसके लिए संघ बहुत अच्छा कार्य कर रहा है। प्रार्थना के पश्चात कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम को देखने बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन भी उपस्थित रहे।