उज्जैन से दिल्ली जाने के लिए निकली साध्वी योगमाता सचदेवा को इंदौर एयरपोर्ट पर रोक लिया गया। उनके बैग में मानव खोपड़ी और हड्डियां रखी हुई थी। CISF और इंदौर पुलिस द्वारा साध्वी से पूछताछ की गई। पाया गया कि नियमों की जानकारी नहीं होने के कारण उनसे गलती हुई है, इसलिए उन्हें मुक्त कर दिया गया।
घटना सोमावर की है। विस्तारा एयरलाइंस की फ्लाइट (यूके-914) इंदौर से 8.30 बजे वापस दिल्ली जाने वाली थी। यहां सुबह फ्लाइट से जाने के लिए उज्जैन निवासी साध्वी योगमाता सचदेवा एयरपोर्ट पहुंचीं। उनके बैग की स्क्रीनिंग की गई तो अधिकारियों को उसमें कुछ संदेहजनक नजर आया। इस पर उनका बैग खुलवाया गया। बैग खोलने पर उसमें एक मानव खोपड़ी और हडि्डयां मिलीं। यह देख स्टाफ चौंक गए। तुरंत एयरपोर्ट और सीआईएसएफ के अधिकारियों को सूचना दी।
सूचना पर एरोड्रम थाने को दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची और साध्वी से पूछताछ की। साध्वी ने कहा कि कोरोना से उसके साथ के साधु की मौत हो गई थी। यह हड्डियां और खोपड़ी हरिद्वार में विसर्जन के लिए लेकर जा रही हैं। एयरपोर्ट अधिकारियों का कहना है कि आम तौर पर यदि कोई व्यक्ति अस्थियां या इस प्रकार की कोई वस्तु लेकर जाता है तो उससे पहले उसे एयरपोर्ट प्रबंधन को सूचना देनी होती है। वह हैंड बैग में अस्थियां ले जा सकता है, जबकि साध्वी के पास यह मेन चेक-इन लगेज के बैग के अंदर मिली।
साध्वी ने कहा कि उनका जाना जरूरी है। अधिकारियों ने कहा कि वे खोपड़ी को यहां अपने किसी परिचित के पास छोड़कर जा सकती हैं। इस पर साध्वी ने किसी परिचित को एयरपोर्ट पर बुलवाया। खोपड़ी और अस्थियां उन्हें दीं, लेकिन तब तक फ्लाइट के लिए वे लेट हो चुकी थीं। इस पर एयरलाइंस ने उन्हें रात की फ्लाइट का टिकट दिया। इसके बाद वे रात 8.30 बजे दिल्ली जाने वाली विस्तारा की फ्लाइट से रवाना हुईं।
एरोड्रम थाना प्रभारी राहुल शर्मा का कहना था कि घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस एयरपोर्ट पहुंची थी। इसके बाद साध्वी के साथ आए अन्य साधुओं ने कोरोना में हुए एक साथी का मृत्यु प्रमाण पत्र दिखाया। साध्वी ने बताया कि उन्हीं की अस्थियां ले जा रहे हैं। मृत्यु प्रमाण पत्र दिखाने के बाद पुलिस ने उन्हें जाने दिया। अस्थियां सड़क मार्ग से हरिद्वार ले जाएगा