जबलपुर। भोपाल से लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के मामले में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का कहना है कि वो साध्वी नहीं है। भगवा धारण करने वाला हर कोई साधु नहीं होता। शंकराचार्य ने अपने तर्क भी दिए कि क्यों प्रज्ञा सिंह ठाकुर एक साध्वी नहीं है।
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि प्रज्ञा ठाकुर साध्वी नहीं हैं। अगर वे साध्वी होती तो अपने नाम के पीछे ठाकुर क्यों लिखती। उन्होंने कहा साधू-साध्वी होने के मतलब है ऐसे व्यक्ति की सामाजिक मृत्यु हो जाना। साधू-संत को समाज से कोई मतलब नहीं होता वे पारिवारिक जीवन नहीं जीते, लेकिन प्रज्ञा के साथ ये सब चीजें लगी हुई हैं। इसलिए वे साध्वी नहीं हैं। प्रज्ञा को अपनी बात कहते समय भाषा पर संयम रखना चाहिए।