ज्योतिरादित्य सिंधिया के केंद्रीय मंत्री बनने के बाद ग्वालियर अंचल में हो रहे उनके जोरदार स्वागत को लेकर सर्वाधिक मिर्ची अगर किसी
को लगती दिखाई दे रही है तो वह है कांग्रेस जिस प्रकार कोंग्रेसी धरना प्रदर्शन करते दिख रहे हैं उनकी हालत खिसियानी बिल्ली खम्बा नोचे जैस हो गई है। जब ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में थे तब दिग्विजयसिंह, कमलनाथ और राहुल गांधी ने उनके महत्व को नजरअंदाज किया इन लोगों का ध्यान विकास को तरजीह देने वाले सिंधिया की जगह देश को कमजोर करने वाली ताकतों,षडयंत्रों में लगा रहा ,
सिंधिया घटनाक्रम से अभी तक कांग्रेस ने कोई सीख नहीं ली है। राजस्थान हो या फिर पंजाब अथवा देश के अन्य राज्यों में कांग्रेस की फ़ूटन जग जाहिर है लगातार वहां तमाम अच्छे व युवा नेता पार्टी छोड़ने की तैयारी में हैं। जब सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था तब कांग्रेसियों ने कहा था कि सिंधिया को वहां महत्व नहीं मिलने वाला लेकिन भाजपा ने जिस प्रकार सिंधिया को तवज्जो दी है उन्हें न केवल केंद्रीय मंत्री पद से नवाजा गया है बल्कि प्रदेश में सत्ता से लेकर संगठन तक सिंधिया समर्थकों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गई कांग्रेसियों को मिर्ची लगना वाजिब भी है। आज जब श्री सिंधिया का ग्वालियर अंचल में रोड शो जारी है तब अंचल में केंद्र सरकार के सबसे प्रभावी चेहरा नरेंद्र सिंह तोमर श्री सिंधिया के साथ मुरैना से ही कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिखाई
दे रहे हैं ,वे रात को ही दिल्ली से ग्वालियर पहुंच गए थे। यह घटनाक्रम इस बात का गवाह है कि भाजपा में सिंधिया का महत्व बहुत अधिक है और सिंधिया को लेकर पार्टी में किसी भी प्रकार का असमंजस या अतिरिक्त राय नही है।