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सिंधिया ने केंद्रीय वन  मंत्री से मुलाकात कर माधव नेशनल पार्क में टाइगर एवं कूनो पालपुर में चीता लाने के विषय मे चर्चा की

ग्वालियर/ नेशनल पार्क शिवपुरी में जल्दी ही टाइगर की दहाड़ सुनने को मिल सकती है, इसके लिए भारत सरकार के नागर विमानन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पिछले कई वर्षों से प्रयासरत है, इस दिशा में श्री सिंधिया ने महत्वपूर्ण प्रयास करते हुए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह यादव से मुलाकात करके उनसे अनुरोध किया कि माधव नेशनल पार्क पिछले 200 वर्षों से बड़ी संख्या में टाइगर के रहवास के लिए जाना जाता रहा है।ये ग्वालियर रियासत के राज परिवार ने बसाया था, जो कि 1980 तक आबाद था, 1987 से 1996 तक यहां एक टाइगर यहां था, ये टाइगर बहुत ही दंदुरुस्त 8.5 फिट साइज का था, 1990 में माधव नेशनल पार्क में टाइगर सफारी का निर्माण किया गया, जिसमें उस समय 10-15 टाइगर थे, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण धीरे धीरे ये सफारी बंद हो गई और यहां जो टाइगर थे, वो विस्थापित कर दिए गए,
श्री सिंधिया ने अवगत कराया कि 1999 में मध्यप्रदेश सरकार ने माधव नेशनल पार्क में पुनः टाइगर को लाने के लिए प्रयास प्रारम्भ किए, क्योकि यहां इनके लिए सभी प्रकार अनुकूल वातावरण थे, इस विषय मे वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन सॉल्यूशन,नई दिल्ली ने भी सर्वे करके एक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमे उन्होंने पाया कि माधव नेशनल पार्क में वो सभी अनुकूलताएं है, जो कि टाइगर की बसाहट के लिए ज़रूरी हैं, 2005 में मध्यप्रदेश सरकार ने एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन करके माधव नेशनल पार्क शिवपुरी में टाइगर के पुनः बसाहट के विषय मे संभवानाएं तलाशने के लिए निर्देश दिया, नवंबर 2006 में इस समिति ने वन विभाग मध्यप्रदेश को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस दिशा में इसी माह में माधव नेशनल पार्क के डायरेक्टर ने एक प्रस्ताव मुख्य वन सरंक्षक वाइल्ड लाइफ को भेजकर माधव नेशनल पार्क में टाइगर की बसाहट एवं 5 वर्षीय कार्ययोजना प्रस्तुत की है, जिसके लिए 106 करोड के बजट की भी मांग रखी गई है।
श्री सिंधिया के उक्त मांग के संदर्भ में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने सकारात्मक पहल करते हुए अधिकारियों को निर्देश प्रदान कर दिये हैं,जल्दी ही केंद्र एवं प्रदेश सरकार का एक दल माधव नेशनल पार्क का दौरा करके उक्त विषय मे अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। जिसके बाद टाइगर आने का रास्ता साफ हो जाएगा।
इसके साथ ही श्योपुर ज़िले के वन अभ्यारण्य कूनो पालपुर में चीते लाने की दिशा में भी तेजी लाने का अनुरोध श्री सिंधिया ने किया, इस पर भी मंत्री श्री यादव ने संबधित अधिकारियों को तत्काल दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं, और आगामी नवंबर-दिसंबर तक कूनो पालपुर में चीता आ जाएंगे, ऐसा आश्वासन मंत्री श्री यादव ने दिया है।
श्री सिंधिया ने ये भी अनुरोध किया कि ईको वाइल्ड लाइफ टूरिज़म को बढ़ावा देने के लिए बाकी देशों का अध्ययन करके भारत मे इसको बढ़ावा दिया जाना चाहिए, इस प्रस्ताव को भी केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री यादव ने स्वीकृति प्रदान की।
श्री सिंधिया ने वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री यादव का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उम्मीद है कि माधव नेशनल पार्क अपने सुनहरे दिनों के वातावरण में पुनः आबाद हो सकेगा और बाघों की दहाड़ जल्दी ही यहां सुनाई पड़ेगी, इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही हमारे व्यापार एवं उद्योग को भी गति मिलेगी।
भविष्य में हम माधव नेशनल पार्क एवं कूनो पालपुर को मिलाकर एक कॉरिडोर बना सकेंगे जिससे हमारे यहां के लिए और अधिक पर्यटक आकर्षित होंगे।

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