Homeप्रमुख खबरेंसिक्ख गुरुओं की शहादत पर आधारित सफर-ऐ-शहादत ने हृदयों को किया भाव...

सिक्ख गुरुओं की शहादत पर आधारित सफर-ऐ-शहादत ने हृदयों को किया भाव विभोर

ग्वालियर /वीरबाल दिवस एंव सिक्ख गुरुओं की शहादत पर आधारित विशेष कार्यकम सफर-ऐ-शहादत आज दोपहर 1 बजे से शाम 4 बजे तक भारतीय यात्रा एंव पर्यटन संस्थान के सभागर में सम्पन्न हुआ। यह आयोजने मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग के अंतर्गत पंजाबी साहित्य अकादमी, भोपाल एवं सिक्ख फोरम ग्वालियर चंबल क्षेत्र द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

कार्यक्रम की शुरूआत गुरु नानक इंटरनेशन पब्लिक स्कूल, शिवपुरी के नन्हें छात्रों द्वारा दस सिक्ख गुरुओं के जीवन व शिक्षाओं पर आधारित आकर्षक प्रस्तुति से हुई, जिसने दर्शकों को गुरु परंपरा की महानता से परिचित कराया। इसके पश्चात इंदौर से पधारे प्रसिद्ध सिक्ख विद्ववान अजीत सिंह नारंग जी ने गुरुमत विषय पर गहन विचार रखे। उन्होने गुरु गोबिन्द सिंह जी के चारों साहिबजादों की वीरता और बलिदान को इतनी हृदयस्पर्शी शैली में प्रस्तुत किया कि सभागार में उपस्थित सभी जन भावविह्वल हो गये।

इसके बाद, पटियाला, पंजाब से पधारे सुप्रसिद्ध नाट्य निर्देशक जोगा सिंह खिवा जी के निर्देशन में सुखनवर मंचन, द्वारा छोटे साहिबजादों की शहादत पर आधारित नाट्य मंचन प्रस्तुत किया गया। डेढ़ घंटे • की इस प्रस्तुति ने सभी दर्शकों को भावुक कर दिया एंव वातावरण श्रद्धा और संवेदना से भर उठा।

कार्यकम का स्वागत उद्बोधन पंजाबी साहित्य अकादमी के निर्देशक श्री इंद्रजीत सिंह खनूजा जी ने दिया, सिक्ख फोरम ग्वालियर चम्बल क्षेत्र के संयोजक डॉ. ए.एस. भल्ला ने सिक्ख फोरम ग्वालियर की तरफ से मा. मोहन यादव जी मुख्यमंत्री द्वारा दाताबंदी छोड़ द्वार की घोषणा करने पर समस्त सिक्ख समाज की तरफ से हार्दिक धन्यवाद दिया तथा मा. मुख्यमंत्री मोहन यादव जी द्वारा उक्त घोषणा करते हुये वीडियों का सभागर में प्रसारण कराया। उन्होनें साथ में यह बताया कि सिक्ख फोरम विगत कई वर्षों से सिक्ख गुरुओं के जीवन पर आधारित ऐसे कार्यकम आयोजित करता रहता है जिसका उद्देश्य हमारी वर्तमान एंव युवा पीढ़ी को सिक्ख गुरुओं द्वारा धर्म और देश के प्रति की गयी शहादत से अवगत कराना है जिससे वह स्वयं इस भाव से प्रेरित हो सके। जबकि आभार प्रदर्शन सिक्ख फोरम के हरविन्दर सिंह जुनेजा जी द्वारा किया गया। मंच संचालन की जिम्मेदारी नीरू सिंह ज्ञानी एंव उपजीत कौर ने कुशलतापूर्वक निमाई। कार्यकम में ग्वालियर के अन्य समाज के लोग व अनेक प्रतिष्ठित गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे, जिन्होनें इस ऐतिहासिक प्रस्तुति की भूरी-भूरी प्रशंसा की। जिसमें प्रमुख उपस्थिति रा. स्वंय सेवक संघ के प्रांत प्रचारक श्री विमल गुप्ता जी, श्री यशवंत इंदापुरकर जी, क्षेत्र कार्य समिति सदस्य, श्रीमती मनीषा इंदापुरकर, राष्ट्र सेविका समिति, मा. प्रद्युमन सिंह तोमर जी उर्जा मंत्री, मा. नारायण सिंह कुशवाह मंत्री, •

संत कृपाल सिंह महाराज, बाबा गुरप्रीत सिंह जी गुरुद्वारा दाताबंदी छोड़, श्री अविनाश जायसवाल जी वरिष्ठ संघ प्रचारक, श्री सुरेन्द्र मिश्रा जी वरिष्ठ संघ प्रचारक, श्री गुरुशक्ति सिंह सोढ़ी आई.जी. सी. आर.पी.एफ., डॉ. रघुवीर सिंह गौर संस्थापक विश्व आध्यात्मिक संस्थान, स्वामी रिषभ देवानंद जी लालटिपारा गौशाला, श्री एच.एस. कोचर अध्यक्ष गुरुद्वारा फूलबाग, डॉ. आलोक शर्मा, निर्देशक IITTM की रहीं।

सफर-ऐ-शहादत, सिर्फ एक कार्यकम नहीं, बल्कि एक भावनात्मक यात्रा थी, जिसने सिक्ख गुरुओं और साहिबजादों की अटूट आस्था, बलिदान और निडरता को पुनः जीवंत कर दिया।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments